कृष्णा भजन ध्रुव शर्मा स्वर्णा श्री

कृष्णा भजन ध्रुव शर्मा स्वर्णा श्री

अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं,
राम नारायणं जानकी बल्लभम।

कौन कहता हे भगवान आते नहीं,
तुम मीरा के जैसे बुलाते नहीं,
तुम मीरा के जैसे बुलाते नहीं।

म्हारो सांवरियो सरकार,
म्हाने और जगत से क्या लेना,
थारी आस लगाऊं,
हरपाल तुम्हे बुलाऊ,
थारे दर्शन पाके,
अपने भाग्य जगाऊँ,
म्हारा तू ही है भरतार,
म्हारो सांवरियो सरकार
म्हाने और जगत से क्या लेना,
क्या लेना।

हम तुम्हारे पराये नहीं है
गैर के दर पे आये नहीं है
हम तुम्हारे पुराने पुजारी
हम से परदा करो ना मुरारी
वृन्दावन के ओ बाँके बिहारी
हम से पर्दा करो ना मुरारी।।

जरी की पगड़ी बाँधे,
सुन्दर आँखों वाला,
कितना सुन्दर लागे बिहारी,
कितना लागे प्यारा,
जरी की पगड़ी बाँधे,
सुन्दर आँखों वाला,
कितना सुन्दर लागे बिहारी,
कितना लागे प्यारा,
कानों में कुण्डल साजै,
सर मोर मुकुट बिराजे,
सखिया पागल होती,
जब जब होंठ पे बंसी बाजै,
है चंदा ये सांवरा,
तारें हैं ग्वाल बाला,
कितना सुन्दर लागे बिहारी,
कितना लागे प्यारा।


भजन श्रेणी : कृष्ण भजन (Krishna Bhajan)

Krishna Bhajan Mashup Volume 2 || Dhruv Sharma + Swarna Shri

Achchutam Keshavan Krshn Daamodaran,
Raam Naaraayanan Jaanaki Ballabham.

ऐसे ही अन्य भजन देखने के लिए कृपया होम पेज पर अवश्य विजिट करें।
Next Post Previous Post