मिटटी दा बावां मैं बनानियाँ मीनिंग Mitti Da Bawa Hindi Meaning

मिटटी दा बावां मैं बनानियाँ मीनिंग Mitti Da Bawa Hindi Meaning, Famous Shiv Kumar Batalavi Poem based song Mitti Da Bawa Hindi Meaning

 
मिटटी दा बावां मैं बनानियाँ मीनिंग Mitti Da Bawa Hindi Meaning

यह गीत शिव कुमार बटालवी की एक कविता पर आधारित है। इस गीत में एक महिला के कोई संतान नहीं है और वह दुःख भरे स्वर में इस गीत को गाती है। वह एक मिटटी का पुतला बनाती है (मिटटी दा बावा -मिटटी का छोटा शिशु) और उससे संवाद स्थापित करती है। इस गीत का हिंदी अर्थ/मतलब निचे दिया गया है, आपको अवश्य ही पसंद आएगा, यदि कोई त्रुटि हो तो कमेंट के माध्यम से सूचित करने का श्रम करे। इसे सुधार कर आपके नाम सहित सुधार को पोस्ट में जोड़ दिया जाएगा - धन्यवाद।
Lyrics "Miiti Da Bawa in Hindi

कित्ते तां मैं लावां टालियां,
वे पत्ता वालिया,
वे मेरे पतला माहीं,
कित्ते तां लावां शहतूत,
वे मेंनू समझ ना आवै। 
Kitte Taan Main Lavaa Taliya,
Ve Patta Waliya,
Mera Patala Mahi
Kite Ta Lava Shahtoot,
Ve Mennu Samajh Na Aave 

कित्ते तां : कहाँ पर (किस स्थान पर )
मैं : मैं।
लावां : लगाऊं (पेड़ को लगाना, बोना)
टालियां : शीशम का पेड़ जिसे शेखावाटी में "सिरसों" का पेड़ कहा जाता है इसे पंजाबी में टाली, टल्ली आदि के नाम से पहचाना जाता है। शीशम के पेड़ के गोल गोल पत्ते होते हैं और आयुर्वेद के मतानुसार ये अत्यधिक शीतलक होते, शरीर में ठंडक देने वाले होते हैं। पंजाब में स्त्रियों को जिनके बच्चे नहीं होते हैं उन्हें फलदार और छायादार वृक्ष लगाने की सलाह दी जाती है.
वे पत्ता वालिया : वह तो (शीशम) पत्ते वाला है।
मेरे पतला माहीं : मेरा माहीं, पति तो पतला है (जैसे शीशम का पत्ता)
कित्ते तां : कहाँ पर।
लावां : लगाऊं।
शहतूत वे : शहतूत का पेड़।
वे मेंनू समझ ना आवै : मुझे समझ में नहीं आ रहा है।
कित्ते तां मैं लावां टालियां : मैं शीशम का पेड़ कहाँ पर लगाऊँ।
वे पत्ता वालिया : शीशम का पेड़ तो खूब पत्ते वाला है।
मेरे पतला माहीं : मेरा माहीं पतला है।
कित्ते तां लावां शहतूत वे : मैं कहाँ पर शहतूत का पेड़ लगाऊं।
वे मेंनू समझ ना आवै : मुझे समझ में नहीं आता है। 

मिटटी दा बावां मैं, बनानियाँ हां,
वे झक्का पौन्दिया हाँ,
वे उत्ते देंदीआ खेशी,
ना रो मिटटी देया बाबेया,
वे तेरा पयो परदेसी। 
Mitti Da Bava Main Banaavaniya,
Ve Jhakka Poundiya Ha, 
Ve Utte Dendiya Kheshi,
Na Ro Mitti Diya Babeya,
Ve Tera Pyo Pardesi
 
मिटटी दा बावां : मिट्टी का शिशु, बच्चा। पक्की मिटटी से बनाया जाने वाला खिलौना, क्ले टॉय.
मैं, बनानियाँ हां : मैं बनाती हूँ।
वे झक्का पौन्दिया हाँ : मैं कमीज पहनाती हूँ . झक्का से आशय एक तरह के कमीज से है, जिसे छोटे बच्चों को पहनाया जाता है.
वे उत्ते देंदीआ खेशी : मैं उसे ऊपर से ऊनी चादर उढ़ा देती हूँ। (सर्दी से बचाव के लिए)
ना रो मिटटी देया बाबेया : मेरे मिट्टी के बच्चे तुम रोओ मत।
वे तेरा पयो परदेसी : तेरे पिता तो परदेसी हैं (कमाने के लिए परदेस में रहते हैं )
बनानियाँ हां : बनाती हूँ।
झक्का : छोटे शिशु का झुगला पहनाती है, शिशु का कमीज नुमा वस्त्र होता है.
पौन्दिया : पाती हूँ (झूला लगाती हूँ )
उत्ते : के ऊपर, उस पर।
देंदीआ  : देती हैं (ओढ़ाती है )
खेशी : खेश या खेशी, एक तरह की ऊनी चादर, सर्दियों की चादर।
ना रो : नहीं रोओ।
मिटटी देया बाबेया : मिटटी के बच्चे।
तेरा : तुम्हारा।
पयो : पिता।
परदेसी : घर के बाहर रहता है। 


ओ, मिटटी दा बावा नइयों बोलदा,
मिटटी दा बावा नइयों बोलदा,
वे नइयों चालदा,
वे नइयों  देंदा है हुंगारा,
ना रो मिटियाँ दा बाबेया,
वे तेरा पयो बंजारा। 
Mitti Da Bawa Naiyo Bolada,
Ve Naiyo Chalada,
Ve Naiyo Denda Hai Hungaara,
Na Ro Mittiya Da Babeya Ve,
Tera Pyo Banjara
मिटटी दा बावा : मिट्टी का शिशु, बालक (जैसे गुड्डा या गुड़िया)।
नइयों बोलदा : बोलता नहीं है।
वे नइयों चालदा : चलता नहीं है।
नइयों : नहीं।
वे नइयों  देंदा है : नहीं देता है।
हुंगारा : हुंकारा /हामी भरना, किसी को बतलाने पर प्रतिउत्तर में हूँ कहना।
ना रो मिटियाँ दा बाबेया : मिटटी के शिशु तुम रोओ मत।
वे तेरा : तुम्हारा।
पयो : पिताजी।
बंजारा : इधर उधर घूमने वाला, जिसका कोई ठौर ठिकाना ना हो।
ओ, मिटटी दा बावा नइयों बोलदा : स्त्री कहती है की मिट्टी का शिशु/बालक कुछ भी नहीं बोलता है।
वे नइयों चालदा : मिट्टी का बावा तो चलता भी नहीं है।
वे नइयों  देंदा है हुंगारा : वह तो वार्तालाप के दौरान हुंकारा भी नहीं भरता है।
ना रो मिटियाँ दा बाबेया : मिटटी के बच्चे तुम रोओ मत।
वे तेरा पयो बंजारा : तुम्हारे पिता तो बंजारे हैं। पिता घर पर नहीं रहते हैं। 

मेरे जेहियां लख गोरियां वे,
वे तन्नी डोरिया वे,
गोदी बाल हिंडोले,
हंस हंस देन्दिया लोरिया वे,
मेरे लड़न सपौले। 
Mere Jehiya Lakh Goriya Ve,
Ve Tanne Doriya Ve, 
Godi Baal Hindole,
Hans Hans Dendiyaa Loriya Ve,
Mere Ladan Sapoule. 

मेरे जेहियां लख गोरियां वे : मेरे जैसी लाखों ही गौरी (सुन्दर स्त्रियाँ हैं)
वे तन्ने डोरिया वे : जिनके डोरियाँ हैं (आभूषण)
गोदी बाल हिंडोले : वे अपनी गोदी में शिशु को झुलाती हैं, हिन्डाती हैं.
हंस हंस देन्दिया लोरिया वे : वे खुश होकर उसे झुलाती हैं, लोरियां सुनाती हैं।
मेरे लड़न सपौले : उनको देखकर मेरे सांप जैसे लड़ते हैं। उन्हें देखकर उसे ईर्ष्या होती है क्योंकि उनके बच्चे हैं।

सांग श्रेणी : पंजाबी फोक सांग (Read More : Punjabi Folk Song)

Mitti Da Bawa Meaning in English with English Lyrics

Kitte Taan Main Lavaa Taliya : Where should I plant a rosewood tree
Ve Patta Waliya : One who has many leaves
Mera Patala Mahi :  My beloved is also thin.
Kite Ta Lava Shahtoot :  Where should I plant a mulberry tree?
Ve Mennu Samajh Na Aave  :  I don't understand anything 
Mitti Da Bava Main Banaavaniya :  I make a clay toy, like a small baby
Ve Jhakka Poundiya Ha : I wear him  shirt
Ve Utte Dendiya Kheshi :  I cover her with a warm shawl
Na Ro Mitti Diya Babeya : You, mitti ke babya, don't cry
Ve Tera Pyo Pardesi :
Your father is a foreigner, he does not live at home 
Mitti Da Bawa Naiyo Bolada : Mitti Da Bava does not speak
Ve Naiyo Chalada : He doesn't even walk
Ve Naiyo Denda Hai Hungaara :  He doesn't even answer
Na Ro Mittiya Da Babeya Ve :  Don't cry because Mitti De Baaviye.
Tera Pyo Banjara :  Your father is a Banjara, just like nomad
Mere Jehiya Lakh Goriya Ve :  There are millions of beautiful women like me
Ve Tanne Doriya Ve : The one who is wearing beautiful jewelery
Godi Baal Hindole : They  cradles her baby in her lap
Hans Hans Dendiyaa Loriya Ve :  She laughs and sings lullabies to her baby
Mere Ladan Sapoule : I get jealous seeing them and snakes bite me

Lyrics in Punjabi " Mitti Da Bawa"-Chitra Singh

ਮਿੱਟੀ ਦਾ ਬਾਵਾ ਮੈਂ ਬਨਾਨੀ ਆਂ, ਵੇ ਝੱਗਾ ਪਾਨੀ ਆਂ, ਵੇ ਉੱਤੇ ਦੇਨੀ ਆਂ ਖੇਸੀ ,
ਸੌਂ ਜਾ ਮਿੱਟੀ ਦਿਆ ਬਾਵਿਆ, ਵੇ ਤੇਰਾ ਪਿਓ ਪਰਦੇਸੀ |
ਮਿੱਟੀ ਦਾ ਬਾਵਾ ਨਹੀਓਂ ਬੋਲਦਾ, ਨਹੀਓਂ ਚਾਲਦਾ , ਨਾਂ ਹੀ ਦੇਂਦਾ ਈ ਹੁੰਗਾਰਾ ,
ਨਾ ਰੋ ਮਿੱਟੀ ਦੇਆ ਬਾਵਿਆ, ਵੇ ਤੇਰਾ ਪਿਓ ਵਣਜਾਰਾ |
ਕਦੇ ਤਾਂ ਲਾਨੀ ਆਂ ਮੈਂ ਟਾਹਲੀਆਂ , ਵੇ ਪੱਤਾਂ ਵਾਲੀਆਂ , ਵੇ ਮੇਰਾ ਪਤਲਾ ਮਾਹੀ ,
ਕਦੇ ਲਾਨੀ ਆਂ ਸ਼ਹਿਤੂਤ , ਵੇ ਤੈਨੂ ਸਮਝ ਨਾ ਆਵੇ |
ਮੇਰੇ ਜਿਹੀਆਂ ਲੱਖ ਗੋਰੀਆਂ, ਵੇ ਤਨੀ ਡੋਰੀਆਂ, ਹਾਏ ਗੋਦੀ ਬਾਲ ਹਿੰਡੋਲੇ ,
ਹੱਸ ਹੱਸ ਦੇਂਦੀਆਂ ਲੋਰੀਆਂ, ਹਾਏ ਮੇਰੇ ਲਡ਼ਨ ਸਪੋਲੇ |

ਮਿੱਟੜੀ ਦੇ ਬਾਵੇ
ਸੱਜਣ ਜੀ,
ਨਿੱਤ ਸਾਨੂੰ ਬਿਰਹਾ,
ਅਸੀਂ ਮਿੱਟੜੀ ਦੇ ਬਾਵ ਸਿਰ `ਤੇ ਚਾ
ਕੇ ਤਕਦੀਰਾਂ ਦੇ ਮੇਲੇ ਅੰਦਰ ਨਿਸ ਦਿਨ
ਵੇਚਣ ਜਾਵੇ ਸੱਜਣ ਜੀ, ਅਸੀਂ ਮਿੱਟੜੀ ਦੇ ਬਾਵੇ।

ਉਮਰ ਦੇ ਪੱਤਨੀ, ਛਿੰਜਾਂ ਜੁੜੀਆਂ ਪੀੜਾਂ ਪਹਿਣ ਪੰਜੇਬਾ ਟੁਰੀਆਂ ਕੋਈ-ਕੋਈ ਸਾਡਾ ਸੁਪਨ ਅੰਞਾਣਾ ਪਾ ਅਕਲਾਂ ਦੇ ਸੁੱਚੇ ਲੀੜੇ ਬੁੱਢੇ ਦਿਲ ਦੀ ਉਂਗਲੀ ਲੱਗ ਕੇ

ਮੇਲਾ ਵੇਖਣ ਆਵੇ।
ਇਸ ਮੇਲੇ ਵਿਚ, ਅਣ-ਹੱਦ ਭੀੜਾਂ ਹਰ ਸੂ ਉੱਡਣ ਦੁੱਖ ਦੀਆਂ ਪੈਰ-ਪੈਰ 'ਤੇ ਢੋਲ-ਢਮੱਕਾ ਫਿਰਨ ਮੱਛਰੀਆਂ ਗ਼ਮ ਦੀਆਂ ਹੂਰਾਂ ਆਲਾ ਭੋਲਾ ਸੁਪਨ ਅੰਞਾਣਾ ਬਹਿ ਫਿਕਰਾਂ ਦੇ ਲਾਲ ਪੰਘੂੜੇ ਐਸ ਆਵਣ ਗੋੜ ਸਮੇਂ ਦੇ ਸਿਰ ਨੂੰ ਤਾਂ ਚੜ੍ਹ ਜਾਵੇ ਤਕਦੀਰਾਂ ਦੇ ਮੇਲੇ ਅੰਦਰ ਇਹ ਸੁਪਨਾ ਗੁੰਮ ਜਾਵੇ। ਉੱਚੀ-ਉੱਚੀ ਰੋਵੇ ਸੁਪਨਾ ਹਰ ਚਿਹਰੇ ਦੇ ਨਕਸ਼ ਪਛਾਣੇ ਪਰ ਇਸ ਸੁਪਨੇ ਦਾ ਕੋਈ ਨਾ ਵਾਲੀ ਇਸ ਸੁਪਨੇ ਨੂੰ ਕੋਈ ਨਾ ਜਾਣੇ ਦਿਲ ਦੀ ਗੁੱਠ ਫੜੀ ਲਗਾ ਕੇ ਬਿਰਹਾ ਬੈਠਾ ਵੇਖੀ ਜਾਵੇ ਚੱਕ ਕੰਧਾੜੇ ਸੁਪਨੇ ਤਾਈਂ ਕੁੱਲ ਮੇਲੇ ਦੀ ਸੈਰ ਕਰਾਵੇ ਪਰ ਸੁਪਨਾ ਤਾਂ ਰੋਈ ਜਾਵੇ ! ਪਰ ਸੁਪਨਾ ਤਾਂ ਰੋਈ ਜਾਵੇ ਲੱਖ ਸੁਪਨੇ ਥੀਂ ਉਹ ਵਰਚਾਵੇ ਲੱਖ ਦੇਵੇ ਮਿੱਟੜੀ ਦੇ ਬਾਵੇ ਪਰ ਸੁਪਨੇ ਥੀਂ ਕੁਝ ਨਾ ਭਾਵੇ ਹਰ ਬਾਵੇ ਨੂੰ ਗੁੱਸੇ ਦੇ ਵਿਚ ਭੌਂ ਦੇ ਉੱਤੇ ਮਾਰ ਵਗਾਹਵੇ ਅੰਨ੍ਹੀ ਖ਼ਲਕਤ ਦੇ ਪੈਰਾਂ ਥੀਂ ਹਰ ਬਾਵਾ ਠੀਕਰ ਬਣ ਜਾਵੇ ਸੱਜਣ ਜੀ ਬਸ ਏਦਾਂ ਹੀ ਕੁਝ ਹਰ ਬਾਵੇ ਦੀ ਅੰਧ ਵਿਹਾਵੇ ਅਸੀਂ ਤਾਂ ਬੱਸ ਮਿੱਟੜੀ ਦੇ ਬਾਵੇ ਨਿੱਤ ਸਾਨੂੰ ਬਿਰਹਾ ਸਿਰ 'ਤੇ ਚਾ ਕੇ ਤਕਦੀਰਾਂ ਦੇ ਮੇਲੇ ਅੰਦਰ ਨਿਸ ਦਿਨ ਵੇਚਣ ਜਾਵੇ ਅਸੀਂ ਤਾਂ ਬੱਸ ਮਿੱਟੜੀ ਦੇ ਬਾਵੇ
 
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