अलगी घणी परनाई ओ बीरा रे ली नहीं साल संभाल
अलगी घणी परनाई ओ बीरा रे ली नहीं साल संभाल
बीरा मारा रामदेव,
राणी मेतल रा भरतार,
एकर लेवन आवजो,
थारी बहन करे पुकार।।
अलगी घणी परणाई ओ बीरा रे,
ली नहीं साल संभाल,
जीव अमुझै माने ओलू आवे,
अठे पड़ रियो काल पर काल,
ओ बीरा मारा रामदेव रे,
बाई ने एकर लेवन आव,
अलगो बाई रो सासरो रे,
ओ बीरा रे, माता मिलण रो चाव।।
बेटी ने दोनों ज्यू रेवै बीरा,
बूढ़ा मायड़-बाप,
अलगो लीगन लिख्यो जोशीजी,
थानै खायो कोनी कालो नाग,
ओ बीरा मारा रामदेव रे,
बाई ने एकर लेवन आव,
अलगो बाई रो सासरो रे,
ओ बीरा रे, माता मिलण रो चाव।।
सासू जितरे सासरो रे बीरा,
माता जितरे पीर,
जद भोजाया घर आवसी रै बीरा,
मारो मनड़ो ना माने धीर,
ओ बीरा मारा रामदेव रे,
बाई ने एकर लेवन आव,
अलगो बाई रो सासरो रे,
ओ बीरा रे, माता मिलण रो चाव।।
एकर तो बीरा माने बता दो,
पियरा रा रुक,
का जाणे का कद होवसी रे,
रुणिचा रा रुक,
ओ बीरा मारा रामदेव रे,
बाई ने एकर लेवन आव,
अलगो बाई रो सासरो रे,
ओ बीरा रे, माता मिलण रो चाव।।
ओलू सुगना बहन री रे बीरा,
पद गावे पन्नालाल,
अब मत बिलखै बहनड़ी,
थाने रतनो लेवन आव,
ओ बीरा मारा रामदेव रे,
बाई ने एकर लेवन आव,
अलगो बाई रो सासरो रे,
ओ बीरा रे, माता मिलण रो चाव।।
अलगी घणी परणाई ओ बीरा रे,
ली नहीं साल संभाल,
जीव अमुझै माने ओलू आवे,
अठे पड़ रियो काल पर काल,
ओ बीरा मारा रामदेव रे,
बाई ने एकर लेवन आव,
अलगो बाई रो सासरो रे,
ओ बीरा रे, माता मिलण रो चाव।।
राणी मेतल रा भरतार,
एकर लेवन आवजो,
थारी बहन करे पुकार।।
अलगी घणी परणाई ओ बीरा रे,
ली नहीं साल संभाल,
जीव अमुझै माने ओलू आवे,
अठे पड़ रियो काल पर काल,
ओ बीरा मारा रामदेव रे,
बाई ने एकर लेवन आव,
अलगो बाई रो सासरो रे,
ओ बीरा रे, माता मिलण रो चाव।।
बेटी ने दोनों ज्यू रेवै बीरा,
बूढ़ा मायड़-बाप,
अलगो लीगन लिख्यो जोशीजी,
थानै खायो कोनी कालो नाग,
ओ बीरा मारा रामदेव रे,
बाई ने एकर लेवन आव,
अलगो बाई रो सासरो रे,
ओ बीरा रे, माता मिलण रो चाव।।
सासू जितरे सासरो रे बीरा,
माता जितरे पीर,
जद भोजाया घर आवसी रै बीरा,
मारो मनड़ो ना माने धीर,
ओ बीरा मारा रामदेव रे,
बाई ने एकर लेवन आव,
अलगो बाई रो सासरो रे,
ओ बीरा रे, माता मिलण रो चाव।।
एकर तो बीरा माने बता दो,
पियरा रा रुक,
का जाणे का कद होवसी रे,
रुणिचा रा रुक,
ओ बीरा मारा रामदेव रे,
बाई ने एकर लेवन आव,
अलगो बाई रो सासरो रे,
ओ बीरा रे, माता मिलण रो चाव।।
ओलू सुगना बहन री रे बीरा,
पद गावे पन्नालाल,
अब मत बिलखै बहनड़ी,
थाने रतनो लेवन आव,
ओ बीरा मारा रामदेव रे,
बाई ने एकर लेवन आव,
अलगो बाई रो सासरो रे,
ओ बीरा रे, माता मिलण रो चाव।।
अलगी घणी परणाई ओ बीरा रे,
ली नहीं साल संभाल,
जीव अमुझै माने ओलू आवे,
अठे पड़ रियो काल पर काल,
ओ बीरा मारा रामदेव रे,
बाई ने एकर लेवन आव,
अलगो बाई रो सासरो रे,
ओ बीरा रे, माता मिलण रो चाव।।
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Author - Saroj Jangir
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