बाबा अपना दरस करा दे
बाबा अपना दरस करा दे
बाबा अपना दरस करा दे,फागण में,
मेरा सोया भाग जगा दे,
फागण में,
रे बाबा, रे बाबा, रे बाबा सुण ले,
बाबा अपना दरस करा दे,
फागण में।
सासुजी ने ल्याउ,
संग सुसरा जी ने ल्याउ,
नणद के बीरा ने,
घूमा दे फागण में,
बाबा अपना दरस करा दे,
फागण में।
भूल गई थी ईब,
याद आ गई,
गठजोड़े की जात,
लगवा दे फागण में,
बाबा अपना दरस करा दे,
फागण में।
तेरी ही दया से बाबा,
यो दिन आयो,
सारा परिवार,
घूमा दे फागण में,
बाबा अपना दरस करा दे,
फागण में।
खीर चूरमें का भोग लगाउ,
ग्यारस की रात,
जगवा दे फागण में,
बाबा अपना दरस करा दे,
फागण में।
श्याम सुन्दर के,
भजन रसीले,
भगतां के साथ,
सुणवा दे फागण में,
बाबा अपना दरस करा दे,
फागण में।
बाबा अपना दरस करा दे,
फागण में,
मेरा सोया भाग जगा दे,
फागण में,
रे बाबा, रे बाबा, रे बाबा सुण ले,
बाबा अपना दरस करा दे,
फागण में।
भजन श्रेणी : खाटू श्याम जी भजन (Khatu Shyam Ji Bhajan)
Baba Apna Darsh Kara De · Rajneesh Sharma, Anil Sharma
Baaba Apana Daras Kara De,
Phaagan Mein,
Mera Soya Bhaag Jaga De,
Phaagan Mein,
Re Baaba, Re Baaba, Re Baaba Sun Le,
Baaba Apana Daras Kara De,
Phaagan Mein.
Baba Apna Darsh Kara De · Rajneesh Sharma, Anil Sharma
Taali Bajan De
℗ A2Z Music Media
Released on: 2015-12-16
Author: Traditional
Composer: Rajneesh Sharma
Composer: Anil Sharma
Music Publisher: D.R
फागण के रंग में रमने वाला मन बाबा श्याम के दर्शन की आस लिए उनके दरबार में पुकार लगाता है। यह सुंदर भजन बाबा की कृपा से सोए हुए भाग्य को जागृत करने की कामना करता है, जहाँ सास, ससुर, ननद और सारा परिवार साथ मिलकर फागण के उत्सव में डूब जाता है। भक्त की भूल भले ही थी, लेकिन बाबा की याद ने उसे फिर से उनके पास खींच लिया, और वह गठजोड़े की जात लगाने की प्रार्थना करता है। खीर-चूरमे का भोग लगाकर, ग्यारस की रात को जागरण में बाबा के भजनों की रसधारा में बहने की चाह मन में जागती है। बाबा का दर्शन पाने वाला मन यह विश्वास रखता है कि उनकी कृपा से जीवन का हर कोना सुख, उत्साह और भक्ति से भर जाएगा।
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