बिगड़ी संवार, बिगड़ी संवार, बिगड़ी सँवार देता है, तू ज़िंदगी भी उधार देता है।
जिसको भरोसा तेरा कन्हैया, उसकी क्यूँ डोले जीवन नैया, डूबते को तार, देता है, तू ज़िंदगी भी उधार देता है बिगड़ी संवार, देता है, तू ज़िंदगी भी उधार देता है।
प्रेमी के दुःख दूर करे तू, ख़ुशियों से भरपूर करे तू,
ख़ुशियाँ अपार, देता है, तू ज़िंदगी भी उधार देता है, बिगड़ी संवार, देता है, तू ज़िंदगी भी उधार देता है।
भगतों को भी प्यार मिला है, श्याम तेरा दरबार मिला है, बिगड़ी संवार, देता है, तू ज़िंदगी भी उधार देता है।
बिगड़ी संवार, बिगड़ी संवार, बिगड़ी सँवार देता है, तू ज़िंदगी भी उधार देता है।