त्रेता में राम न होते द्वापर घनश्याम न होते
त्रेता में राम न होते,
द्वापर घनश्याम न होते,
यदि चारों धाम ना होते तो,
जग कल्याण न होता।
यदि राम सिया का वनवास ना होता,
तो राजा दशरथ का मरण न होता,
सीता चुराई न जाती लंका जलाई ना जाती
यदि चारों धाम ना होते तो,
जग कल्याण न होता।
यदि अर्जुन के संग श्री कृष्ण न होते,
अभिमानी दुर्योधन सब कुछ ना खोते,
राज पाठ ना जाता सरताज ना जाता,
यदि चारों धाम ना होते तो,
जग कल्याण न होता।
यदि राम के संग में हनुमान न होते ,
तो लक्ष्मण के प्राणो को खोते,
कौन सांजवणी लता कौन बूटी पिलाता,
यदि चारों धाम ना होते तो,
जग कल्याण न होता।
यदि शम्भु जाता में गंगा ना समाते,
पपीयो को तारण धरती पे ना लाते,
ना होते महारे पिता ना होते राम सीता,
यदि भजन यहीं रुक जाता,
तो जग कल्याण ना होता,
त्रेता में राम न होते,
द्वापर घनश्याम न होते,
यदि चारों धाम ना होते तो,
जग कल्याण न होता।
द्वापर घनश्याम न होते,
यदि चारों धाम ना होते तो,
जग कल्याण न होता।
यदि राम सिया का वनवास ना होता,
तो राजा दशरथ का मरण न होता,
सीता चुराई न जाती लंका जलाई ना जाती
यदि चारों धाम ना होते तो,
जग कल्याण न होता।
यदि अर्जुन के संग श्री कृष्ण न होते,
अभिमानी दुर्योधन सब कुछ ना खोते,
राज पाठ ना जाता सरताज ना जाता,
यदि चारों धाम ना होते तो,
जग कल्याण न होता।
यदि राम के संग में हनुमान न होते ,
तो लक्ष्मण के प्राणो को खोते,
कौन सांजवणी लता कौन बूटी पिलाता,
यदि चारों धाम ना होते तो,
जग कल्याण न होता।
यदि शम्भु जाता में गंगा ना समाते,
पपीयो को तारण धरती पे ना लाते,
ना होते महारे पिता ना होते राम सीता,
यदि भजन यहीं रुक जाता,
तो जग कल्याण ना होता,
त्रेता में राम न होते,
द्वापर घनश्याम न होते,
यदि चारों धाम ना होते तो,
जग कल्याण न होता।
भजन श्रेणी : राम भजन (Ram Bhajan)
|| त्रेता में राम ना होते द्वापर घनश्याम ना होते ||
Treta Mein Raam Na Hote,
Dvaapar Ghanashyaam Na Hote,
Yadi Chaaron Dhaam Na Hote To,
Jag Kalyaan Na Hota.
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Dvaapar Ghanashyaam Na Hote,
Yadi Chaaron Dhaam Na Hote To,
Jag Kalyaan Na Hota.
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