तेरे खुले गए यशोदा मैया भाग रे

तेरे खुले गए यशोदा मैया भाग रे

पूत सपूत जन्यो यशोदा,
इतनी सुनके वसुधा सब दौड़ी,
देवन के आनंद भयो,
पुनि धावत गावत मंगल गौरी,
नन्द कछु इतनो जो दियो,
घनश्याम कुबेर हु की मति बोरी,
देखत मोहि लुटाय दियो,
ना बची बछिया छछिया ना पिछोरी।

तेरे खुले गए यशोदा मैया भाग रे,
ऐसो सुघड़ सुत जायो,
तेरे खुले गए यशोदा मैया भाग रे,
ऐसो सुघड़ सुत जायो।

भादो मास कृष्णपक्ष अष्टमी,
भादो मास कृष्णपक्ष अष्टमी,
छाई नन्द भवन उजियार री,
ऐसो सुघड़ सुत जायो।

बाबा लुटावे अन्न धन सोना,
बाबा लुटावे अन्न धन सोना,
और गोधन रतन अम्बार री,
ऐसो सुघड़ सुत जायो।

विविध भाँती के गाजे बाजै,
विविध भाँती के गाजे बाजे,
गूंजे पायल की झंकार री,
ऐसो सुघड़ सुत जायो।

तेरे खुले गए यशोदा मैया भाग रे,
ऐसो सुघड़ सुत जायो,
तेरे खुले गए यशोदा मैया भाग रे,
ऐसो सुघड़ सुत जायो।

भजन श्रेणी : कृष्ण भजन (Krishna Bhajan)


Jai Shri Krishna


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Bhajan Tangs : Album : Tere Khul Gaye Yshoda Maiya Bhag Re Song : Tere Khul Gaye Yshoda Maiya Bhag Re Singer: Shashi Kant Sharma Music: Shashi Kant Sharma Writer: Traditional Label : Ambey Presented By : Bankey Bihari Music (BBM Series) Parent Label(Publisher) - Shubham Audio Video Private Limited.
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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