धन धन नी भाग आज मेरे सतगुरु आये घर मेरे

धन धन नी भाग आज मेरे सतगुरु आये घर मेरे


धन धन नी भाग आज मेरे
सतगुरु आए घर मेरे

नी मैं गऊआ दा दूध मँगवानी
ओ सतगुरु नूं भोग लगानी
सतगुरु आए आज घर मेरे

धन धन नी भाग आज मेरे
सतगुरु आए ने आज घर मेरे

नी मैं फुल गुलाब दा मँगवानी
ओ सतगुरु दे चरणी चढ़ानी
सतगुरु आए ने आज घर मेरे

धन धन नी भाग आज मेरे
ओ सतगुरु आए घर मेरे

नी मैं गंगा दा जल मँगवानी
ओ सतगुरु दे चरण धुलानी
सतगुरु आए ने आज घर मेरे

धन धन नी भाग आज मेरे
सतगुरु आए घर मेरे

नी मैं चन्दन दी चौकी मँगवानी
ओ सतगुरु नूं चौकी ते बैठानिया
ओ सतगुरु आए आज घर मेरे

धन धन नी भाग आज मेरे
सतगुरु आए घर मेरे

नी मैं भोग वाली थाली मँगवानी आ
ओ अपने गुरु जी नूं भोग लगानी आ
ओ सतगुरु आए ने आज घर मेरे

धन धन नी भाग आज मेरे
सतगुरु आए घर मेरे


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भक्त अपने भाग्य को धन्य मानता है, क्योंकि सतगुरु उसके घर पधारे हैं। वह उनके स्वागत में गाय का दूध मंगवाकर भोग लगाना चाहता है। गुलाब के फूल लाकर वह सतगुरु के चरणों में चढ़ाना चाहता है। गंगा का पवित्र जल मंगवाकर वह उनके चरण धोना चाहता है। चंदन की चौकी तैयार करवाकर वह सतगुरु को उस पर बिठाना चाहता है। भोग की थाली सजाकर वह सतगुरु को अर्पित करना चाहता है। यह भजन सतगुरु के प्रति गहरी श्रद्धा, उनके आगमन से मिलने वाली अपार खुशी और उनकी सेवा करने की उत्साहपूर्ण भावना को व्यक्त करता है। भक्त का हृदय सतगुरु के दर्शन और सेवा के लिए उत्साहित है, और वह अपने सौभाग्य को बार-बार सराहता है।
 
जब आप गुरु की शिक्षाओं को पढ़ते हैं, सुनते हैं या उनके जीवन की विभिन्न घटनाओं पर विचार करते हैं, तो आपके मन में उनके प्रति श्रद्धा स्वतः ही उत्पन्न होने लगती है। गुरु के प्रति कृतज्ञता का भाव रखें और उनके द्वारा दिए गए ज्ञान, प्रेम और मार्गदर्शन को अपने जीवन में उतारने का प्रयास करें। गुरु की महिमा को समझने के लिए उनकी कही हुई बातों का मनन करें और उन्हें अपने आचरण में लाने का प्रयास करें।

गुरु का स्मरण करना, उनके मंत्रों का जप करना और उनके प्रति प्रार्थना करना भी मन में श्रद्धा बढ़ाने का सशक्त माध्यम है। गुरु के नाम का जाप करने से मन शांत होता है और उनके प्रति प्रेम व श्रद्धा का भाव गहरा होता है। सुबह-शाम गुरु के चरणों में बैठकर प्रार्थना करें और उनकी कृपा के लिए धन्यवाद दें। 
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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