ऐसा क्या काम किया हमने तेरा जो मेरा हाथ

ऐसा क्या काम किया हमने तेरा जो मेरा हाथ


ऐसा क्या काम किया हमने तेरा,
जो मेरा हाथ तुमने थाम लिया।
मेरी ज़िंदगी ही बदल दी तुमने,
क्या ज़रा सा मैंने तेरा नाम लिया।
ऐसा क्या काम किया हमने तेरा,
जो मेरा हाथ तुमने थाम लिया।

इस ज़माने में मैं अकेला था,
तेरी माया के रंग में खेला था।
तेरी माया न सताए उसको,
जिसको अपना तूने मान लिया।
ऐसा क्या काम किया…

इस ज़माने में कौन अपना है,
इसे बस वक़्त ही बताता है।
वक़्त-वक़्त पर तूने मेरा साथ दिया,
क्या ज़रा सा मैंने तेरा नाम लिया।
ऐसा क्या काम किया…

दीन-दुखियों का तू सहारा है,
डूबती नाव का किनारा है।
तेरी एक नज़र जिसपे पड़ जाए,
फिर कभी भी उसे रोने न दिया।
ऐसा क्या काम किया…

इतना कौन करता है किसी के लिए,
जितना तूने कर दिया है मेरे लिए।
मेरी हर ख़ुशी का इंतज़ाम किया,
क्या ज़रा सा मैंने तेरा नाम लिया।
ऐसा क्या काम किया…

ऐसा क्या काम किया हमने तेरा,
जो मेरा हाथ तुमने थाम लिया।
मेरी ज़िंदगी ही बदल दी तुमने,
क्या ज़रा सा मैंने तेरा नाम लिया।
ऐसा क्या काम किया हमने तेरा,
जो मेरा हाथ तुमने थाम लिया।


Best Krishna Bhajan // Aisa Kya Kaam Kiya Humne Tera // धनवन्तरि दास जी महाराज #Saawariya

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Album - Aisa Kya Kaam Kiya Humne Tera
Song : Aisa Kya Kaam Kiya Humne Tera 
Singer - Dhanvantri Das Ji Maharaj
Music - KAILASH KUMAR
Lyrics - ANIL SHARMA
 
सतगुरु शिष्य के जीवन में अज्ञान के अंधकार को दूर करके ज्ञान के प्रकाश से भर देते हैं—वे शिष्य की आँखें खोलकर उसे परम सत्य का दर्शन कराते हैं। कबीरदास जी के शब्दों में, “सतगुर की महिमा अनंत, अनंत किया उपकार। लोचन अनंत उघाड़िया, अनंत दिखावण हार॥” अर्थात्, सतगुरु की महिमा अनंत है, उन्होंने अनंत उपकार किए हैं, अनंत आँखें खोली हैं और अनंत प्रभु का दर्शन कराया है।
 
सांसारिक संबंधों की क्षणभंगुरता और स्वार्थपरता की पहचान है; समय ही बताता है कि कौन अपना है और कौन पराया। किंतु, हर मुश्किल घड़ी में ईश्वर ने जिस तरह साथ दिया है, वह विश्वास को और दृढ़ करता है। ईश्वर को दीन-दुखियों का सहारा और डूबती नाव का किनारा स्वीकारते हुए, यह भाव उमड़ता है कि उसकी एक कृपादृष्टि समस्त दुखों को हर लेती है और फिर कभी रोने नहीं देती। किसी मनुष्य के लिए कोई इतना नहीं करता, जितना ईश्वर ने किया है – हर खुशी का इंतज़ाम किया है, और यह सब मात्र नाम स्मरण के बदले मिला है। यह भजन ईश्वर के अगाध प्रेम, निस्वार्थता और असीमित दया का प्रमाण है, जो बिना किसी शर्त के अपने भक्तों पर अपनी कृपा बरसाता है। 
 
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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