झुक झुक झुक साई द्वारे झुक भजन
झुक झुक झुक साई द्वारे झुक भजन
झुक झुक झुक साईं द्वारे झुक,
फिर गाड़ी ज़िंदगी की सकेगी ना रुक।
झुक झुक झुक साईं द्वारे झुक,
फिर गाड़ी ज़िंदगी की सकेगी ना रुक।।
साईं चिंता हर लेंगे, झोली तेरी भर देंगे,
साईं चिंता हर लेंगे, झोली तेरी भर देंगे,
आएंगे नज़दीक फिर ना तेरे,
इस दुनिया के दुख दुख दुख।।
घर घर साईं का चर्चा है,
सबसे सबसे सबसे द्वार ये ऊँचा है,
झुक झुक झुक साईं द्वारे झुक,
फिर गाड़ी ज़िंदगी की सकेगी ना रुक।।
चाहे आसमान पे हैं तारे बेशुमार,
साईं के हैं उनसे भी ज़्यादा उपकार,
आ जा साफ़ मन से तू पास जा के देख,
झूठ नहीं कहती, मैं आज़मा के देख।।
झुक झुक झुक झुक झुक झुक झुक झुक,
दुनिया में कितना ये द्वार मशहूर है,
जहाँ लोग जाते, वहाँ कुछ तो ज़रूर है।।
वहाँ पे ज़रूरतों का हर फूल खिलता,
नहीं अगर माँगना, बिन माँगे मिलेगा,
तेरी हर भावना को वो भी आज़माएगा,
फिर वो आवाज़ दे के तुझको बुलाएगा।।
अपनी तराज़ू पे वो भी तो है तोलता,
ताले वो नसीबों के यूँ ही नहीं खोलता,
जय जय हो, जय जय हो, जय जय हो।।
झुक झुक झुक साईं द्वारे झुक,
फिर गाड़ी ज़िंदगी की सकेगी ना रुक।
झुक झुक झुक साईं द्वारे झुक,
फिर गाड़ी ज़िंदगी की सकेगी ना रुक।।
साईं चिंता हर लेंगे, झोली तेरी भर देंगे,
साईं चिंता हर लेंगे, झोली तेरी भर देंगे,
आएंगे नज़दीक फिर ना तेरे,
इस दुनिया के दुख दुख दुख।।
घर घर घर साईं का चर्चा है,
सबसे सबसे सबसे द्वार ये ऊँचा है,
घर घर घर साईं का चर्चा है,
सबसे सबसे सबसे द्वार ये ऊँचा है।।
फिर गाड़ी ज़िंदगी की सकेगी ना रुक।
झुक झुक झुक साईं द्वारे झुक,
फिर गाड़ी ज़िंदगी की सकेगी ना रुक।।
साईं चिंता हर लेंगे, झोली तेरी भर देंगे,
साईं चिंता हर लेंगे, झोली तेरी भर देंगे,
आएंगे नज़दीक फिर ना तेरे,
इस दुनिया के दुख दुख दुख।।
घर घर साईं का चर्चा है,
सबसे सबसे सबसे द्वार ये ऊँचा है,
झुक झुक झुक साईं द्वारे झुक,
फिर गाड़ी ज़िंदगी की सकेगी ना रुक।।
चाहे आसमान पे हैं तारे बेशुमार,
साईं के हैं उनसे भी ज़्यादा उपकार,
आ जा साफ़ मन से तू पास जा के देख,
झूठ नहीं कहती, मैं आज़मा के देख।।
झुक झुक झुक झुक झुक झुक झुक झुक,
दुनिया में कितना ये द्वार मशहूर है,
जहाँ लोग जाते, वहाँ कुछ तो ज़रूर है।।
वहाँ पे ज़रूरतों का हर फूल खिलता,
नहीं अगर माँगना, बिन माँगे मिलेगा,
तेरी हर भावना को वो भी आज़माएगा,
फिर वो आवाज़ दे के तुझको बुलाएगा।।
अपनी तराज़ू पे वो भी तो है तोलता,
ताले वो नसीबों के यूँ ही नहीं खोलता,
जय जय हो, जय जय हो, जय जय हो।।
झुक झुक झुक साईं द्वारे झुक,
फिर गाड़ी ज़िंदगी की सकेगी ना रुक।
झुक झुक झुक साईं द्वारे झुक,
फिर गाड़ी ज़िंदगी की सकेगी ना रुक।।
साईं चिंता हर लेंगे, झोली तेरी भर देंगे,
साईं चिंता हर लेंगे, झोली तेरी भर देंगे,
आएंगे नज़दीक फिर ना तेरे,
इस दुनिया के दुख दुख दुख।।
घर घर घर साईं का चर्चा है,
सबसे सबसे सबसे द्वार ये ऊँचा है,
घर घर घर साईं का चर्चा है,
सबसे सबसे सबसे द्वार ये ऊँचा है।।
Jhuk Jhuk Jhuk Sai Dware Jhuk | झुक झुक झुक साई द्वारे झुक | Sai Baba Bhajan | Chandana Dixit
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भक्त का हृदय जब उस साईं के पवित्र द्वार पर झुकता है, तब वह एक ऐसी गहन श्रद्धा और विश्वास से भर उठता है, जो उसके जीवन की हर रुकावट को दूर कर देता है। यह झुकना केवल शारीरिक नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक समर्पण है, जो भक्त को उस सत्ता के प्रति पूर्ण निष्ठा के साथ जोड़ता है। उस साईं का द्वार वह पवित्र स्थान है, जहाँ हर चिंता मिटती है, हर झोली सुख और शांति से भर जाती है, और संसार के दुख उस भक्त के निकट नहीं आ पाते। यह विश्वास कि उसका दर सबसे ऊँचा और हर घर में उसका चर्चा है, भक्त को इस सत्य के समीप ले जाता है कि वह साईं तारों से भी अधिक उपकार करने वाला है, जो साफ मन से आने वाले हर याचक को अपनी कृपा से नवाजता है।
उस साईं की महिमा इतनी अपार है कि उसका द्वार मशहूर है, जहाँ हर जरूरत का फूल खिलता है और बिना माँगे ही मन की हर भावना पूरी होती है। भक्त का मन इस विश्वास से परिपूर्ण हो जाता है कि वह साईं हर प्राणी के नसीब को अपनी तराजू पर तौलता है और सही समय पर उनके भाग्य के ताले खोलता है। यह भक्ति का वह मार्ग है, जहाँ भक्त अपने सारे दुख और अभाव को उस साईं के चरणों में रख देता है, यह जानते हुए कि उसकी एक कृपादृष्टि ही उसके जीवन की गाड़ी को सदा आगे बढ़ाएगी। उस साईं की जय-जयकार में डूबकर भक्त अपने जीवन को उस अनंत प्रेम और कृपा के रंग में रंग लेता है, जो उसे हर दुख से मुक्त कर, सत्य और शांति के पथ पर ले जाता है।
उस साईं की महिमा इतनी अपार है कि उसका द्वार मशहूर है, जहाँ हर जरूरत का फूल खिलता है और बिना माँगे ही मन की हर भावना पूरी होती है। भक्त का मन इस विश्वास से परिपूर्ण हो जाता है कि वह साईं हर प्राणी के नसीब को अपनी तराजू पर तौलता है और सही समय पर उनके भाग्य के ताले खोलता है। यह भक्ति का वह मार्ग है, जहाँ भक्त अपने सारे दुख और अभाव को उस साईं के चरणों में रख देता है, यह जानते हुए कि उसकी एक कृपादृष्टि ही उसके जीवन की गाड़ी को सदा आगे बढ़ाएगी। उस साईं की जय-जयकार में डूबकर भक्त अपने जीवन को उस अनंत प्रेम और कृपा के रंग में रंग लेता है, जो उसे हर दुख से मुक्त कर, सत्य और शांति के पथ पर ले जाता है।
Song Name: Jhuk Jhuk Jhuk Sai Dwaare Jhuk
Album: Sai Teri Shirdi Nirali
Singer: Chandana Dixit
Lyricist: Balbir Nirdosh
Music Director: Anu Malik
Original Song: Ruk Ruk Ruk
Original Album: Vijaypath
Album: Sai Teri Shirdi Nirali
Singer: Chandana Dixit
Lyricist: Balbir Nirdosh
Music Director: Anu Malik
Original Song: Ruk Ruk Ruk
Original Album: Vijaypath
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Author - Saroj Jangir
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