चाकर हूँ चरणा रो पिरजी एड़ी भूल कई राको

चाकर हूँ चरणा रो पिरजी एड़ी भूल कई राको

चाकर हूँ चरणा रो पीर जी,
एड़ी भूल कई राखो ई,
रात दिन आ, दिन ही रात को,
अरे बेड़ी बंदी धनियारा अन्नदाता,
आ चरणा कर थरओई।।

सरस्वती मात शारदा सिवरू,
हिरदे उजालो लोई थाकोई,
रिद्धि सिद्धि रा भंडार खोलदो,
अरे कमी काई जी राखो अन्नदाता,
आ चरणा कर थरओई।।

सोहणी दुवारका ये देव पधारिया,
भालो करियो नवर कोई,
ये अजमल जी री आशा पूरदी,
अरे बाल जीवायो सुगना को,
आ चरणा कर थरओई।।

ये बड़ा बिरमदे, छोटा रामदे,
जोड़ो बन्यो भाई रखोई ई,
ये माता मेनादे करे आरती,
माता मेनादे, अरे कलश बंधायो,
धन्यरो अन्नदाता, आ चरणा कर थरओई।।

सती द्रौपदी रो ये चीर बंदायो,
आंबे लगायो भंडार कोई,
नेणी बाई रो भरयो महायरो,
अर्जुन रथड़ा हांको अन्नदाता,
आ चरणा कर थरओई।।

ये गजरी पुकारे, ये सुनी दरबा में,
नेवरे हजारी धकोई,
ये रिद्धि रो बेटो, भजन माए बोले,
अरे आवो जीवन कई राखो अन्नदाता,
आ चरणा कर थरओई।।

चाकर हूँ चरणा रो पीर जी,
एड़ी भूल कई राखो ई,
रात दिन आ, दिन ही रात को,
अरे बेड़ी बंदी धनियारा अन्नदाता,
आ चरणा कर थरओई।।


MAHENDRA BOYAL BHAJAN | चाकर हू चरणा रो पीर जी | राजस्थानी जागरण भजन | गायक महेन्द्र बोयल

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भजन ~ चाकर हू चरणा रो पीर जी
 राजस्थानी सुपरहिट जागरण भजन
 गायक महेन्द्र बोयल
सयोग मे ~ महेन्द्र गढसुरीया

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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