हाट लागी रे हरी रे नाम री हाटों हालो मेरा भाई

हाट लागी रे हरी रे नाम री हाटों हालो मेरा भाई

हाट लागी रे हरि रे नाम री,
हाटों हालो मेरा भाई,
आया व्यापारी हरि रे नाम रा,
हाटों हाल मेरा भाई,
हाट लागी रे हरि रे नाम री।।

ॐ शब्द निज मूल है,
सतगुरु हाट मंडाई,
चतुर नर सौदा करे,
मूर्ख मूल गमाई,
हाट लागी रे हरि रे नाम री।।

तन डांडी रे, मन पालणा,
सुरता तोलण आई,
ज्ञान पंचेरा लारे राळ दो,
पूरा तोलो मेरा भाई,
हाट लागी रे हरि रे नाम री।।

जीव ब्रह्म संतों एक हैं,
दुतिया भ्रम हैं दोई,
भरम अंधेरा संतों मेट दो,
निज नेड़ा राखो सांई,
हाट लागी रे हरि रे नाम री।।

अमर लोक रो हंसलो,
मृत्यु लोक में आई,
कहे कबीर सा धर्मीदास ने,
ऐसो बिनज ही लाई,
हाट लागी रे हरि रे नाम री।।

हाट लागी रे हरि रे नाम री,
हाटों हालो मेरा भाई,
आया व्यापारी हरि रे नाम रा,
हाटों हाल मेरा भाई,
हाट लागी रे हरि रे नाम री।।


!! Narpat nagori !! हाठ लागी रे हरी रे नाम री !! चेतावनी भजन !! नरपत नागौरी !!

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MUSIC _NMG STUDIO NOKHA 
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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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