गजानन आओ पधारो म्हारे आंगणे

गजानन आओ पधारो म्हारे आंगणे

(मुखड़ा)
गजानन आओ पधारो,
म्हारे आंगणे,
आंगणे, आंगणे,
म्हारी दादी जी को,
माँ झुंझनवाली को,
म्हारी दादी जी को,
लाग्यो है दरबार गजानन,
आओ पधारों म्हारे आंगणे।

(अंतरा)
थे आज्यो रिद्धि सिद्धि ने ल्याजो,
पार्वती के लाल,
प्रथम निमंत्रण दियो आपणे,
कर लीज्यो स्वीकार,
गौरा पार्वती ने,
हो शंकर पार्वती ने,
गौरा पार्वती में,
लेता आज्यो साथ गजानन,
आओ पधारों म्हारे आंगणे।

खाटू वाले श्याम धणी ने,
सागे लेता आज्यो,
हनुमान ने सालासर से,
बेगा बेगा ल्याजो,
ल्याजो रामदेव ने,
हो ल्याजो रामदेव ने,
ल्याजो रामदेव ने,
रुनीचै से साथ गजानन,
आओ पधारों म्हारे आंगणे।

जीण माता शाकम्भरी माँ,
राणीसती ने ल्याजो,
घर का देव पितर पितरानी,
जीने भूल न जाज्यो,
लेता आज्यो म्हारी,
हो लेता आज्यो म्हारी,
कुलदेवी ने साथ गजानन,
आओ पधारों म्हारे आंगणे।

(पुनरावृति)
गजानन आओ पधारो,
म्हारे आंगणे,
आंगणे, आंगणे,
म्हारी दादी जी को,
माँ झुंझनवाली को,
म्हारी दादी जी को,
लाग्यो है दरबार गजानन,
आओ पधारों म्हारे आंगणे।


दादी के कीर्तन में सबसे पहले गाये इस भजन को || Rani Sati Dadi Bhajan || Madhuri-Madhukar

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गजानन का आह्वान वह पवित्र निमंत्रण है, जो भक्तों के आंगन को उनके आगमन से पावन करता है। उनका आशीर्वाद रिद्धि-सिद्धि के साथ आता है, जो जीवन को समृद्धि और सुख से भर देता है। माता पार्वती और भगवान शंकर के लाल के रूप में गणपति प्रथम पूज्य हैं, जिनके बिना कोई भी शुभ कार्य पूर्ण नहीं होता। भक्तों का हृदय उनकी कृपा की कामना करता है, और उनके साथ खाटू श्याम, सालासर के हनुमान, रुनीचा के रामदेवजी, जीण माता, शाकंभरी माता, और रानी सती जैसी कुलदेवियां और पितरों की उपस्थिति इस पवित्र दरबार को और भी दिव्य बनाती है। यह आंगन वह पावन स्थल है, जहां गजानन का आगमन हर भक्त की पुकार को सुनकर उनके जीवन को आलोकित करता है।

भक्तों का यह आह्वान गजानन को अपने साथ सभी लोकदेवताओं और कुलदेवियों को लाने की विनती करता है, ताकि घर-परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहे। माता झुंझनवाली और दादी जी की भक्ति के साथ यह दरबार श्रद्धा और प्रेम का प्रतीक बन जाता है। गजानन की कृपा से भक्तों का मन पवित्र हो जाता है, और उनकी उपस्थिति हर बाधा को दूर करती है। यह वह पवित्र क्षण है, जब भक्त अपने कुलदेवताओं और पितरों को नहीं भूलता और गणपति के आशीर्वाद से अपने आंगन को एक तीर्थस्थल में बदल देता है, जहां हर मनोकामना पूर्ण होती है और जीवन प्रेम और भक्ति से भर जाता है।
 
Rani Sati Dadi Bhajan :- Gajanan Aao Padharo Mhare Aangane
Singer : Madhuri-Madhukar
Lyricist : Pravin Hisariya
Music Label : Sur Saurabh Industries.
 
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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