मैं दास गरीब हूँ सांवरिया कभी मेरे घर भी आ जाना

मैं दास गरीब हूँ सांवरिया कभी मेरे घर भी आ जाना

मैं दास गरीब हूँ सांवरिया,
कभी मेरे घर भी आ जाना,
मैं आस लगाए बैठा हूँ,
कभी मुझको दरस दिखा जाना।।

ना चंदन चौकी है मेरे,
ना इत्र, पुष्प, ना माला है,
कुछ और नहीं है पास मेरे,
इक श्याम नाम की माला है,
कभी इत्र लगाए तन से तुम,
मेरी कुटिया को महका जाना,
मैं आस लगाए बैठा हूँ,
कभी मुझको दरस दिखा जाना।।

ना माखन मिश्री है मेरे,
ना छप्पन भोग निराला है,
इस दास गरीब की कुटिया में,
इक श्याम भरा रस प्याला है,
मैं बना खिचड़ा दे दूँ तुम,
धवलिये ओट में खा जाना,
मैं आस लगाए बैठा हूँ,
कभी मुझको दरस दिखा जाना।।

ना कोठी, बंगला है मेरे,
ना धन, दौलत, ना माया है,
मेरा मन, जीवन अर्पण तुम पर,
इक श्याम नाम की छाया है,
इस विप्र सुदामा के आँगन में,
तुम बनके कन्हैया आ जाना,
मैं आस लगाए बैठा हूँ,
कभी मुझको दरस दिखा जाना।।

मैं दास गरीब हूँ सांवरिया,
कभी मेरे घर भी आ जाना,
मैं आस लगाए बैठा हूँ,
कभी मुझको दरस दिखा जाना।।


#EkDaasKiPukar एक दास की पुकार || Shyam Bhajan || Gouri Agarwal || Khatu Shyam Bhajan 2022

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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