खुला झूले मैया देखो उड़े रे चूनड़ीयां

खुला झूले मैया देखो उड़े रे चूनड़ीयां

झूला झूले दादी देखो उड़े रे चुनड़ीयां
उड़े लहर लहर
सारे शहर शहर
आयो सावणियो.. सावणियो

झूलण की सौकीन है दादी,
जद भी बुलाओ आज्यावै
राजी हो सिंधारा करावै,
भगतां को मान बढ़ा ज्यावै..
झूलणे पधारे, घर में या म्हारे.. 2
कितणी बड़ी या बात है..
लूण राई वारो
लगज्यावै ना नजरिया..
उड़े लहर लहर, सारे शहर शहर
आयो सावणियो.. सावणियो

झूलो देखूं चुनड़ देखूं,
या देखूं सिणगार थारो
बारी बारी झोंटा देवै,
यो पुरो परिवार सारो..
चुनड़ी भी जोरकी, दादी भी जोरकी.. 2
झूलो भी थारो जोरदार है..
मोरनी सी बणके
मैंया नाचूं मैं आंगणिया..
उड़े लहर लहर, सारे शहर शहर
आयो सावणियो.. सावणियो

झूला ऊपर बैठ्या दादीजी,
भगतां के हाथ में डोर है
बनड़ीलागे कदे लागे सेठाणी,
अंइया लागे या ही गणगौर है..
हिंडो घाल्यो भाव सूं, दादी झूले चाव सूं.. 2
सावण को न्यारो ही रुबाब है..
अम्बरीष कहवै राजी
रहवै झूलो सजावणिया..
उड़े लहर लहर, सारे शहर शहर
आयो सावणियो.. सावणियो



झूला भजन 2025 Jhula Bhajan #SudarshanKumar Mumbai

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Saroj Jangir Author Admin - Saroj Jangir

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