कानूड़ा लाल घड़लो म्हारो भर दे रे भजन कानूड़ा लाल घड़लो म्हारो भर दे रे, भर दे उठा दे सिर पर धर दे रे, कानूड़ा लाल घड़लो म्हारो भर दे रे, नन्दजी का लाल घड़लो म्हारो भर दे रै। तू मत जाणे कान्हा आई हूँ अकेली, सात सहेलियाँ म्हारे संग छै रे, कानुड़ा लाल घड़लो म्हारो भर दे रे, यशोदा लाल घड़लो म्हारो भर दे रै। तू मत जाणे कान्हा दूर गाँव की, बरसाने म्हारो घर छै रे, कानुड़ा लाल घड़लो म्हारो भर दे रे, यशोदा लाल घड़लो म्हारो भर दे रै। तू मत जाणे कान्हा अखन कंवारी, श्री कृष्ण म्हारो वर छै रे, कानुड़ा लाल घड़लो म्हारो भर दे रे, यशोदा लाल घड़लो म्हारो भर दे रै। चन्द्रसखी भज बालकृष्ण छवि, श्याम चरणा में म्हारो चित्त छै रे, कानुड़ा लाल घड़लो म्हारो भर दे रे, यशोदा लाल घड़लो म्हारो भर दे रै। कानूड़ा लाल घड़लो म्हारो भर दे रे, भर दे उठा दे सिर पर धर दे रे, कानूड़ा लाल घड़लो म्हारो भर दे रे, नन्दजी का लाल घड़लो म्हारो भर दे रै। भजन श्रेणी : कृष्ण भजन (Krishna Bhajan)
Singer/गायक : Anuradha Paudwal / अनुराधा पौडवाल
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Kanuda Laal Ghadlo Mharo Bhar De Re
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