ऐसी समाधी लगाई रे भोला अखियां ना खोले
ऐसी समाधी लगाई रै,
भोला अखियां ना खोले।
रिद्धि भी जगाए,
और सिद्धि भी जगाये,
गणपति भी शंख बजाई रे,
भोला अँखियाँ ना खोले,
ऐसी समाधी लगाई रे,
भोला अखियां ना खोले।
राम भी जगाए,
और लक्ष्मण भी जगाए,
हनुमत ने चुटकी बजाई रे,
भोला अँखियाँ ना खोले,
ऐसी समाधी लगाई रे,
भोला अखियां ना खोले।
बरमहा जगाए,
और विष्णु भी जगाए
नारद ने वीणा बजाई रे,
भोला अँखियाँ ना खोले
ऐसी समाधी लगाई रे,
भोला अखियां ना खोले।
सीता जगाए,
और राधा की जगाए
गौरा ने पायल बजाई रे,
भोला अँखियाँ ना खोले,
ऐसी समाधी लगाई रे,
भोला अखियां ना खोले।
सन्त भी जगाए,
और महन्त भी जगाए,
भक्तों ने विनती लगाई रे,
भोला अँखियाँ ना खोले,
ऐसी समाधी लगायी रे,
भोला अखियां ना खोले। भजन श्रेणी : शिव भजन ( Shiv Bhajan)
सावन स्पेशल-ऐसी समाधि लगाई रे भोले-भोलेनाथ जी का शानदार भजन #BHOLENATH JI | SHIVJI BHAJAN