रोती रोती गऊ माता बोली
रोती रोती गऊ माता बोली
रोती रोती गऊ माता बोली,आख्याँ में पाणी आया, हो राम,
भूखी प्यासी तेरी गाये रोये,
कैसी अनोखी तेरी माया, हो राम,
रोती रोती गउँ माता बोली,
आख्याँ में पाणी आया, हो राम।
दर दर की मैं तो ठोकर खाऊँ,
कौन सुनेगा मेरा हाल, हो राम,
गळियाँ के मा जब रे चालूँ,
लोग बके सै मने गाळ हो राम,
रोती रोती गउँ माता बोली,
आख्याँ में पाणी आया, हो राम।
छोटे छोटे गऊ के जाये,
भूखे प्यासे सोवे हो राम,
कहाँ गया तू कृष्ण काळे,
गाय तुम्हारी तन्ने जोवे हो राम,
रोती रोती गउँ माता बोली,
आख्याँ में पाणी आया, हो राम।
ऐसे रे पापी होये देश में,
गाड़ी भर भर ले जावे हो राम,
हत्या के माह बलि चढ़ावे,
दाम कमावे गौ माता पे राम,
रोती रोती गउँ माता बोली,
आख्याँ में पाणी आया, हो राम।
कान खोल के सुणियो रे लोगों,
मत ना पाप कमाइयो रे राम,
राजफ़ुल कुचरणीये आळा,
नए नए छंद बणावे ओ राम,
रोती रोती गउँ माता बोली,
आख्याँ में पाणी आया, हो राम।
रोती रोती गऊ माता बोली,
आख्याँ में पाणी आया, हो राम,
भूखी प्यासी तेरी गाये रोये,
कैसी अनोखी तेरी माया, हो राम,
रोती रोती गउँ माता बोली,
आख्याँ में पाणी आया, हो राम।
भजन श्रेणी : आध्यात्मिक भजन (Read More : Devotional Bhajan)
रोती रोती गऊ माता बोली singer raj phool kuchraniya
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