तारा नी तारा जींद कल्ली रोग हज़ारा
तारा नी तारा जींद कल्ली रोग हज़ारा
इस सोंग के रचियता गुरुदास मान हैं और यह एक तरह से "टप्पे" सोंग है। इस सोंग के कंपोजर सुरिंदर कोहली जी हैं। तारा नी तारा सोंग के लिरिक्स निचे दिए गए हैं यदि कोई त्रुटी हो तो अवश्य बताएं जिससे इसे दुरुस्त किया जा सके और अन्य लोगों को सही लिरिक्स पढने को मिले, धन्यवाद।
तारा नी तारा,
जींद कल्ली रोग हज़ारा,
यार बदलदे ऐदा,
जिद्दा बदल दियां सरकारा।
तारा नी तारा,
जींद कल्ली रोग हज़ारा।
पोधी वाळा तारा चढ़ियाँ,
घर घर होण विचारां,
कुछ लुट्ट लइ पिंड पैंचा,
कुछ लुट्ट लइ सरकारां,
टूम छल्ला मापे हंडा लिया,
रूप हंडा लिया यारां,
टेढ़ी पगड़ी ने,
पट सुट्टीयां मुटियारां,
टेढ़ी पगड़ी ने...... ।
लोई नी लोई, जींद पीड़ा मारी रोइ,
गोरे रंग दे गाहक हजारां,
काळे दा कोई,
सस्से नी समझाले पुत्त नूं,
घर नी बेगाने जांदा,
घर दी शक़्कर बुरे वरगी,
गुड़ चोरी दा खाँदा,
नार बेगानी तों,
उतन खोंसडे खाँदा,
नार बेगानी तों,
उतन खोंसडे खाँदा,
नार बेगानी तों...... ।
चल्ली नी चल्ली नी,
मैं सारे जग लइ चल्ली,
दिल दे मैर मखोड़े मिलदे,
मिलदे लल्ली छल्ली,
चल्ली नी चल्ली नी,
मैं सारे जग लइ चल्ली...... ।
बेली बेली हर कोई कहंदा,
कोण किसे दा बेली,
बेली बणदे बाद च,
पहलां जेब च देखण थैली,
तू बेली तो सब जग बेली,
अणबेली भी बेली,
वाजो सजणाँ ते,
सुनी पई हवेली,
वाजो सजणाँ ते...... ।
आवे कोई आवे,
जो बीते दिन मोड़ ले आवै,
आवे कोई आवे,
जो बीते दिन मोड़ ले आवै,
बूढ़ी उमर च सोचे बंदा,
फेर जवानी आवै,
आवे कोई आवे,
जो बीते दिन मोड़ ले आवै...... ।
जट्टी कोट कपूरे दी ते,
पंडत अम्बरसर दा,
जट्टी बैठी पेड़े कर दी,
पंडत मंडे कर दा,
बाहरों आया दयोर जट्टी दा,
हत्थ पराणी फड़दा,
ना मारी ना मारी देवरां,
पंडत अपने घर दा,
कचियाँ टलां नूं,
जी सबना दा करदा,
कचियाँ टलां नूं,
जी सबना दा करदा...... ।
पढियाँ नी पढियाँ,
मैं पंज नमाजां पढियाँ,
पंज नमाजा खू विच पैया,
जद्दो अखियां लड़ियाँ,
पढियाँ नी पढियाँ,
मैं पंज नमाजां पढियाँ...... ।
मौत मौत ना करिया कर,
नी देख मौत दे कारे,
पहले मौत ने लुट्टी दिल्ली,
फेर बड़ी पटिआले,
घर घर दी ओहने लई तलाशी,
चुन चुन गबरु मारे,
एक राजे दी मर गई कंजरी,
रौनक ले गई नाळे,
तख्तों ले जाए गी,
जुल्म दिए सरकारे,
तख्तों ले जाए गी...... ।
रोये नी रोये,
मापे दाहां मार के रोये,
रोये नी रोये,
मापे दाहां मार के रोये,
अक्खां मूरे पुत्त जिन्हा दे,
तड़प तड़प के मोये,
रोये नी रोये,
मापे दाहां मार के रोये...... ।
धरती जेड़ ग़रीब ना कोई,
इंद्र जेड़ नहीं दाता,
ब्रह्मा जेड ना पंडत कोई,
गौरख जेड नहीं नाथां,
लखन जेड जति ना कोई,
सीता जेड़ नहीं माता,
रावण जेड बेअक्ल ना कोई,
राम जेड ना भ्राता,
नानक जेड़ा भगत ना कोई,
जिन्ह हरी का नाम पछाता,
दुनियां मान करे,
रब सबना दाता,
दुनियां मान करे।
रब सबना दाता,
दुनियां मान करे...... ।
जींद कल्ली रोग हज़ारा,
यार बदलदे ऐदा,
जिद्दा बदल दियां सरकारा।
तारा नी तारा,
जींद कल्ली रोग हज़ारा।
पोधी वाळा तारा चढ़ियाँ,
घर घर होण विचारां,
कुछ लुट्ट लइ पिंड पैंचा,
कुछ लुट्ट लइ सरकारां,
टूम छल्ला मापे हंडा लिया,
रूप हंडा लिया यारां,
टेढ़ी पगड़ी ने,
पट सुट्टीयां मुटियारां,
टेढ़ी पगड़ी ने...... ।
लोई नी लोई, जींद पीड़ा मारी रोइ,
गोरे रंग दे गाहक हजारां,
काळे दा कोई,
सस्से नी समझाले पुत्त नूं,
घर नी बेगाने जांदा,
घर दी शक़्कर बुरे वरगी,
गुड़ चोरी दा खाँदा,
नार बेगानी तों,
उतन खोंसडे खाँदा,
नार बेगानी तों,
उतन खोंसडे खाँदा,
नार बेगानी तों...... ।
चल्ली नी चल्ली नी,
मैं सारे जग लइ चल्ली,
दिल दे मैर मखोड़े मिलदे,
मिलदे लल्ली छल्ली,
चल्ली नी चल्ली नी,
मैं सारे जग लइ चल्ली...... ।
बेली बेली हर कोई कहंदा,
कोण किसे दा बेली,
बेली बणदे बाद च,
पहलां जेब च देखण थैली,
तू बेली तो सब जग बेली,
अणबेली भी बेली,
वाजो सजणाँ ते,
सुनी पई हवेली,
वाजो सजणाँ ते...... ।
आवे कोई आवे,
जो बीते दिन मोड़ ले आवै,
आवे कोई आवे,
जो बीते दिन मोड़ ले आवै,
बूढ़ी उमर च सोचे बंदा,
फेर जवानी आवै,
आवे कोई आवे,
जो बीते दिन मोड़ ले आवै...... ।
जट्टी कोट कपूरे दी ते,
पंडत अम्बरसर दा,
जट्टी बैठी पेड़े कर दी,
पंडत मंडे कर दा,
बाहरों आया दयोर जट्टी दा,
हत्थ पराणी फड़दा,
ना मारी ना मारी देवरां,
पंडत अपने घर दा,
कचियाँ टलां नूं,
जी सबना दा करदा,
कचियाँ टलां नूं,
जी सबना दा करदा...... ।
पढियाँ नी पढियाँ,
मैं पंज नमाजां पढियाँ,
पंज नमाजा खू विच पैया,
जद्दो अखियां लड़ियाँ,
पढियाँ नी पढियाँ,
मैं पंज नमाजां पढियाँ...... ।
मौत मौत ना करिया कर,
नी देख मौत दे कारे,
पहले मौत ने लुट्टी दिल्ली,
फेर बड़ी पटिआले,
घर घर दी ओहने लई तलाशी,
चुन चुन गबरु मारे,
एक राजे दी मर गई कंजरी,
रौनक ले गई नाळे,
तख्तों ले जाए गी,
जुल्म दिए सरकारे,
तख्तों ले जाए गी...... ।
रोये नी रोये,
मापे दाहां मार के रोये,
रोये नी रोये,
मापे दाहां मार के रोये,
अक्खां मूरे पुत्त जिन्हा दे,
तड़प तड़प के मोये,
रोये नी रोये,
मापे दाहां मार के रोये...... ।
धरती जेड़ ग़रीब ना कोई,
इंद्र जेड़ नहीं दाता,
ब्रह्मा जेड ना पंडत कोई,
गौरख जेड नहीं नाथां,
लखन जेड जति ना कोई,
सीता जेड़ नहीं माता,
रावण जेड बेअक्ल ना कोई,
राम जेड ना भ्राता,
नानक जेड़ा भगत ना कोई,
जिन्ह हरी का नाम पछाता,
दुनियां मान करे,
रब सबना दाता,
दुनियां मान करे।
रब सबना दाता,
दुनियां मान करे...... ।
सांग श्रेणी : पंजाबी फोक सांग (Read More : Punjabi Folk Song)
TARA NI TARA-Gurudas Mann
आपने पंजाबी सोंग " TARA NI TARA-Gurudas Mann " के लिरिक्स देखे ऐसे ही अन्य पंजाबी सोंगों की लिरिक्स देखने के लिए आप इस साईट पर विजिट जरुर करते रहें. प्रसिद्ध Punjabi Song पंजाबी सोंग जिसका टाइटल तारा नी तारा जींद कल्ली रोग हज़ारा लिरिक्स Tara Nee Tara Lyrics Gurudas Maan है के लिरिक्स/बोल यहाँ दिए गए हैं। इस पंजाबी सोंग के गायक Gurudas Mann/ Maan हैं और लेखक Gurudas Mann/ Maan हैं। आशा है यह पंजाबी सोंग आपको अवश्य ही पसंद आएगा।
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Author - Saroj Jangir
मेरे ब्लॉग में आपका स्वागत है, आप यहाँ पर पंजाबी भाषा के शब्द और उनके अर्थ के विषय में जान पायेंगे. इसके अतिरिक्त आप, पंजाबी डिक्शनरी, पंजाबी फोक सोंग, पंजाबी शब्द वाणी, और पंजाबी भजन का अर्थ भी खोज सकते हैं....अधिक पढ़ें। |
