एक दो तीन चार माता जी की जय जयकार
सच्चे मन से माँगे जो भी,
देती छप्पर फाड़,
सच्चे मन से माँगे जो भी,
देती छप्पर फाड़,
माँ झूठी है ये दुनियां दारी,
सच्चा तेरा द्वार,
बोलो एक दो तीन चार,
माता जी की जय जयकार।
ढोल वाले भैया,
जय मैया जय मैया।
ना चाहे कोई धन दौलत,
और नाहीं कोई रुपया,
ढोल वाले भैया,
जय मैया जय मैया।
छेड़ा तूने नारी को,
अब किस्मत तेरी माड़ी है,
आजकल के पापियों सुन लो,
नारी सब पर भारी है,
नारी सब पर भारी है,
झांसी वाली रानी की तूने,
देखी है तलवार,
निकल ले भैया पतली गली से,
मत कर कोई विचार,
बोलो एक दो तीन चार,
माता जी की जय जयकार।
झूठी है सब मोह माया,
बीस सच्चा माँ का प्यार,
नाही कोई धोखा है इसमें,
नाहीं झूठा प्यार,
इक बार नहीं सो बार नहीं,
तुम मांगो बार बार,
दे देगी पलभर में,
खुशियों का समाचार,
बोलो एक दो तीन चार,
माता जी की जय जयकार।
नादान हैं हम बालक तेरे,
हमको कुछ नहीं आता,
दे दो ज्ञान हमको शेरोवाली माता,
मतलब की ये रिश्तेदारी,
मतलब का संसार,
मिला नहीं मुझे कोई सहारा,
मिला है माँ का प्यार,
बोलो एक दो तीन चार,
माता जी की जय जयकार।
देती छप्पर फाड़,
सच्चे मन से माँगे जो भी,
देती छप्पर फाड़,
माँ झूठी है ये दुनियां दारी,
सच्चा तेरा द्वार,
बोलो एक दो तीन चार,
माता जी की जय जयकार।
ढोल वाले भैया,
जय मैया जय मैया।
ना चाहे कोई धन दौलत,
और नाहीं कोई रुपया,
ढोल वाले भैया,
जय मैया जय मैया।
छेड़ा तूने नारी को,
अब किस्मत तेरी माड़ी है,
आजकल के पापियों सुन लो,
नारी सब पर भारी है,
नारी सब पर भारी है,
झांसी वाली रानी की तूने,
देखी है तलवार,
निकल ले भैया पतली गली से,
मत कर कोई विचार,
बोलो एक दो तीन चार,
माता जी की जय जयकार।
झूठी है सब मोह माया,
बीस सच्चा माँ का प्यार,
नाही कोई धोखा है इसमें,
नाहीं झूठा प्यार,
इक बार नहीं सो बार नहीं,
तुम मांगो बार बार,
दे देगी पलभर में,
खुशियों का समाचार,
बोलो एक दो तीन चार,
माता जी की जय जयकार।
नादान हैं हम बालक तेरे,
हमको कुछ नहीं आता,
दे दो ज्ञान हमको शेरोवाली माता,
मतलब की ये रिश्तेदारी,
मतलब का संसार,
मिला नहीं मुझे कोई सहारा,
मिला है माँ का प्यार,
बोलो एक दो तीन चार,
माता जी की जय जयकार।
भजन श्रेणी : माता रानी भजन (Mata Rani Bhajan)
एक दो तीन चार माता जी की जय जयकार | 1234 Mata Ji Ki Jay Jay Kar | Navratri Special | Kishan Bhagat
इस भजन से सबंधित अन्य भजन निचे दिए गए हैं जो आपको अवश्य ही पसंद आयेगे, कृपया करके इन भजनों को भी देखें.
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
- खुल्ला खुल्ला केश मां की सूरत है लुभावनी
- बारिशों की छम छम में तेरे दर पे आए
- मैंने झोली फैलाई है मैया अब ख़ज़ाना तू प्यार का लुटा दे
Sachche Man Se Mange Jo Bhi,
Deti Chhappar Phad,
Sachche Man Se Mange Jo Bhi,
Deti Chhappar Phad,
Man Jhuthi Hai Ye Duniyan Dari,
Sachcha Tera Dvar,
Bolo Ek Do Tin Char,
Mata Ji Ki Jay Jayakar.
Dhol Vale Bhaiya,
Jay Maiya Jay Maiya.
Na Chahe Koi Dhan Daulat,
Aur Nahin Koi Rupaya,
Dhol Vale Bhaiya,
Jay Maiya Jay Maiya.
Deti Chhappar Phad,
Sachche Man Se Mange Jo Bhi,
Deti Chhappar Phad,
Man Jhuthi Hai Ye Duniyan Dari,
Sachcha Tera Dvar,
Bolo Ek Do Tin Char,
Mata Ji Ki Jay Jayakar.
Dhol Vale Bhaiya,
Jay Maiya Jay Maiya.
Na Chahe Koi Dhan Daulat,
Aur Nahin Koi Rupaya,
Dhol Vale Bhaiya,
Jay Maiya Jay Maiya.
Singer & Lyrics : Kishan Bhagat
Composer : Krishna Pawar
Rythem Arrangment : Mayank Bais & Shubham Jaiswal
Video By : RAINBOW CINE PRODUCTION
Director & Cinematography : RAVI KESARIYA
Video Edit : ANURAG DEWRA
Composer : Krishna Pawar
Rythem Arrangment : Mayank Bais & Shubham Jaiswal
Video By : RAINBOW CINE PRODUCTION
Director & Cinematography : RAVI KESARIYA
Video Edit : ANURAG DEWRA
क्ति किसी डर या लालच से नहीं, प्रेम और भरोसे से उपजती है। माँ का द्वार वह स्थान है जहाँ कोई खाली नहीं लौटता, क्योंकि वहाँ कृपा का सागर है, जो माँग से नहीं, भावना से बहता है। वह केवल भौतिक सुख नहीं देती, बल्कि दिल को वह सुकून देती है जिसे दुनिया की किसी संपत्ति से नहीं खरीदा जा सकता। झूठ और दिखावे से भरी इस दुनिया में वही एक सच्चाई है जो बिना शर्त अपनाती है, जो अपनी संतान की भूलों को सुधारती है, और हर अवसाद में हाथ थाम लेती है।
यह प्रार्थना केवल किसी देवी का गुणगान नहीं है, यह तो जीवन के कटु सत्य और निर्मल आस्था का एक अद्भुत मिश्रण है। यह भाव हमें स्पष्ट रूप से समझाता है कि इस संसार में जितनी भी रिश्तेदारियाँ और मोह-माया है, वह सब क्षणभंगुर और स्वार्थ पर टिकी है। लोग मतलब के लिए जुड़ते हैं और थोड़े से स्वार्थ के लिए छोड़ देते हैं, इसलिए यह दुनियादारी झूठी है। लेकिन, जब हम उस परम शक्ति, माँ दुर्गा के चरणों में सच्चे हृदय से अपनी मुराद रखते हैं, तो वह इतनी उदार हैं कि वह छप्पर फाड़कर यानी हमारी उम्मीद से कहीं ज़्यादा हमें देती हैं। यह आस्था हमें एक अटूट विश्वास देती है कि जहाँ दुनिया के सारे द्वार बंद हो जाते हैं, वहाँ माँ का द्वार ही एकमात्र सच्चा और खुला हुआ आश्रय है।
यह प्रार्थना केवल किसी देवी का गुणगान नहीं है, यह तो जीवन के कटु सत्य और निर्मल आस्था का एक अद्भुत मिश्रण है। यह भाव हमें स्पष्ट रूप से समझाता है कि इस संसार में जितनी भी रिश्तेदारियाँ और मोह-माया है, वह सब क्षणभंगुर और स्वार्थ पर टिकी है। लोग मतलब के लिए जुड़ते हैं और थोड़े से स्वार्थ के लिए छोड़ देते हैं, इसलिए यह दुनियादारी झूठी है। लेकिन, जब हम उस परम शक्ति, माँ दुर्गा के चरणों में सच्चे हृदय से अपनी मुराद रखते हैं, तो वह इतनी उदार हैं कि वह छप्पर फाड़कर यानी हमारी उम्मीद से कहीं ज़्यादा हमें देती हैं। यह आस्था हमें एक अटूट विश्वास देती है कि जहाँ दुनिया के सारे द्वार बंद हो जाते हैं, वहाँ माँ का द्वार ही एकमात्र सच्चा और खुला हुआ आश्रय है।
