आज हम तेनालीराम की एक मजेदार कहानी के माध्यम से उनके तेज दिमाग और हाजिरजवाबी का अनुभव करेंगे। इस कहानी का शीर्षक है "तेनालीराम की होशियारी"। तेनालीराम, जो अपनी बुद्धिमानी और मजाकिया स्वभाव के लिए मशहूर थे, हर चुनौती का अनोखे ढंग से सामना करते थे। आज की कहानी भी ऐसी ही है जहाँ तेनालीराम की चतुराई ने एक बार फिर सबको हँसी के ठहाकों में डाल दिया।
तेनालीराम और सैनिकों की चुनौती
एक बार तेनालीराम यात्रा कर रहे थे। रास्ते में उन्हें कुछ सैनिकों का एक समूह मिला, जो सभी युद्ध के अनुभवी थे और आपस में अपने-अपने साहसिक कारनामों की बातें कर रहे थे। एक सैनिक ने गर्व से बताया कि उसने अकेले ही सात दुश्मन सैनिकों को मात दी थी। वहीं दूसरा सैनिक अपने कौशल से एक पूरी दुश्मन बटालियन को परास्त करने की घटना सुना रहा था। सभी अपने-अपने बहादुरी के किस्सों में मग्न थे।उनकी बातें सुनते हुए तेनालीराम थोड़े उदास दिखाई दिए। एक सैनिक ने तेनालीराम की तरफ देखा और कहा, "लगता है तुम्हारे पास कहने को कुछ खास नहीं है?" इस पर तेनालीराम ने मुस्कुराते हुए कहा, "अरे, मेरे पास भी एक किस्सा है।" सैनिकों ने उत्सुकता से तेनालीराम को देखा और बोले, "तो सुनाओ तुम्हारा कारनामा!"
तब तेनालीराम ने अपनी कहानी शुरू की, "एक बार मैं यात्रा कर रहा था और एक विशाल तंबू में प्रवेश किया। वहाँ मैंने एक विशालकाय व्यक्ति को देखा, जिसने पूरे राज्य में आतंक मचा रखा था। मुझे तुरंत समझ में आया कि ये वही खूंखार डाकू है जिसे सभी ढूँढ रहे थे।"
सैनिकों की आँखों में चमक आ गई, और उन्होंने पूछा, "फिर तुमने क्या किया?" तेनालीराम ने बड़े ही गंभीरता से जवाब दिया, "मैंने उसका एक अंगूठा काट लिया और भाग गया।"
सैनिकों को यह सुनकर थोड़ी हैरानी हुई, उन्होंने कहा, "अरे! जब तुम इतना पास थे तो उसका सिर क्यों नहीं काट दिया?" तेनालीराम ने मुस्कुराते हुए कहा, "क्योंकि किसी और ने पहले ही उसका सिर काट दिया था!"
कहानी से सीख Moral of the Story
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हर परिस्थिति में अपना सूझ-बूझ और हाजिरजवाबी बनाए रखें। हर समस्या का हल बल से नहीं, बल्कि बुद्धिमानी से भी किया जा सकता है।
सैनिकों की आँखों में चमक आ गई, और उन्होंने पूछा, "फिर तुमने क्या किया?" तेनालीराम ने बड़े ही गंभीरता से जवाब दिया, "मैंने उसका एक अंगूठा काट लिया और भाग गया।"
सैनिकों को यह सुनकर थोड़ी हैरानी हुई, उन्होंने कहा, "अरे! जब तुम इतना पास थे तो उसका सिर क्यों नहीं काट दिया?" तेनालीराम ने मुस्कुराते हुए कहा, "क्योंकि किसी और ने पहले ही उसका सिर काट दिया था!"
कहानी से सीख Moral of the Story
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हर परिस्थिति में अपना सूझ-बूझ और हाजिरजवाबी बनाए रखें। हर समस्या का हल बल से नहीं, बल्कि बुद्धिमानी से भी किया जा सकता है।तेनालीराम की मजेदार कहानियां, तेनालीराम और सैनिकों की कहानी, तेनालीराम की चतुराई की कहानियाँ, प्रेरणादायक तेनालीराम की कहानियाँ हिंदी में, तेनालीराम की कहानियों से सीख,
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Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं एक विशेषज्ञ के रूप में रोचक जानकारियों और टिप्स साझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें। |