राधा प्यारी, कृष्ण मुरारी, तू ही गोवर्धन गिरधारी, राधा प्यारी, कृष्ण मुरारी, तू ही गोवर्धन गिरधारी। जपो गोवर्धन गिरधारी, खुश हो जायेंगे बांके बिहारी, जपो गोवर्धन गिरधारी, खुश हो जायेंगे बांके बिहारी, शुभ घड़ी आई है, खुशियाँ ले आई है, झूमे नांचे दुनिया सारी, सारी, सारी, सारी, सारी, जपो गोवर्धन गिरधारी, खुश हो जायेंगे बांके बिहारी।
गोवर्धन की पूजा करके, होंगे वारे न्यारे, सुख समृद्धि घर में आये, कष्ट मिटेंगे सारे, जिसने पूजा की गिरधर की, उसकी नैया तारी, तारी, तारी, तारी, तारी, जपो गोवर्धन गिरधारी, खुश हो जायेंगे बांके बिहारी।
गोवर्धन की सब परिक्रमा, करते भगत प्यारे, महाराज की मस्ती के हैं, गूँज रहे जयकारे, गिरिराज हैं मेरे बांके बिहारी,
जिनपे कृपा गोवर्धन की, उनके नए नज़ारे, अन्न धन में कमी ना करते, बाँट रहे भंडारे, चहल कहे तुम कर लो पूजा, अब है तुम्हारी बारी, बारी, बारी, बारी, बारी, जपो गोवर्धन गिरधारी, खुश हो जायेंगे बांके बिहारी।
जपो गोवर्धन गिरधारी, खुश हो जायेंगे बांके बिहारी, जपो गोवर्धन गिरधारी, खुश हो जायेंगे बांके बिहारी, शुभ घड़ी आई है, खुशियाँ ले आई है, झूमे नांचे दुनिया सारी, सारी, सारी, सारी, सारी, जपो गोवर्धन गिरधारी, खुश हो जायेंगे बांके बिहारी।
Bhajan Tangs : हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर गोवर्धन पूजा की जाती है। यानी दिवाली अगले दिन ये पर्व मनाया जाता है। इस साल 24 अक्टूबर को दिवाली है। इस हिसाब से गोवर्धन पूजा 25 अक्टूबर को होनी चाहिए, लेकिन इस बार दिवाली और गोवर्धन पूजा के बीच में सूर्य ग्रहण लग रहा है। ऐसे में सूर्यग्रहण के कारण इस साल दिवाली के अगले दिन 25 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा नहीं होगी। सूर्य ग्रहण की वजह से गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर को है। गोवर्धन पूजा को अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन महिलाएं अपने घर के आंगन में गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाती हैं और उसकी पूजा करती हैं। चलिए जानते हैं कि इस बार दीपावली के एक दिन बाद क्यों मनाया जाएगा गोवर्धन पूजा का पर्व, इसकी पूजा विधि और शुभ मुहूर्त…. गोवर्धन पूजा के दिन सुबह काल जल्दी उठकर स्नानादि करें। फिर शुभ मुहूर्त में गाय के गोबर से गिरिराज गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाएं और साथ ही पशुधन यानी गाय, बछड़े आदि की आकृति भी बनाएं। इसके बाद धूप-दीप आदि से विधिवत पूजा करें। भगवान कृष्ण को दुग्ध से स्नान कराने के बाद उनका पूजन करें। इसके बाद अन्नकूट का भोग लगाएं। govardhan ke bhajan, govardhan