की घर में शक़्कर मिलती हो, बाहर का गुड़ क्यों खाएं, सब माँ बाप घर में हो, तीरथ नहाने क्यों जाएँ। पाल पोस कर बड़ो करे, शादी करके बांधे खुटो, लुगाई आता ही अलग होवे, अस्या बेटा को कालो मुंडो।
लोक और परलोक सुधरग्या , कर ले काम भलाई को। माँ बापा की सेवा करले , मत बण दास लुगाई को।
ससुरा जी ने कहे बापू ,
सासु ने के माता। जन्म दियोड़ा माँ बापा ने , कदी नहीं दीदी साता। ओरा को वे ग्यो रे बेटा , वियो ने जामण जाई को। माँ बापा की सेवा करले , मत बण दास लुगाई को।
आला में सूती रे माता , सूखा में थेने सुलायो। सारा घर को काम बिगाडियो , थेन कदी नहीं रुलायो। लूण मरच सु रोटी खाता , पायो दूध मलाई को। माँ बापा की सेवा करले ,
Chetawani Bhajan,Rajasthani Bhajan Lyrics Hindi
मत बण दास लुगाई को।
जद थू बेटा मोटो होयो , आस बंधी दुःख मत जासी। असी कसी ने जाणी रे बेटा , पल में न्यारो हो जासी। असी बात में पेली जाणता , नहीं करता काम सगाई को। माँ बापा की सेवा करले , मत बण दास लुगाई को।
छुला आगे बैठो रेवे , नहीं बैठे यो मनका में। दादागिरी में रेवे रे भायो , नहीं रेवे यो लखणा में।
धर्म दान में कई नहीं देवे , नहीं देवे धान उगाई को। माँ बापा की सेवा करले , मत बण दास लुगाई को।
खरी केवु तो खोटी लागे , सब्द को चाले जोर नहीं। इस दुनिया में माँ बापा से, बढ़कर कोई और नहीं। रामचंद्र ने थोड़ो समज ले , मत लजावे दूध माई को। माँ बापा की सेवा करले , मत बण दास लुगाई को।
लोक और परलोक सुधरग्या , करले काम भलाई को। माँ बापा की सेवा करले , मत बण दास लुगाई को।