ना देना चाहे कुबेर का धन भजन

ना देना चाहे कुबेर का धन भजन

ना देना चाहे कुबेर का धन,
मगर सलीका सुरूर देना,
उठा के सर जी सकूं जहां में,
बस इतनी इज्जत जरूर देना।

न बैर कोई न कोई नफरत,
नजर ना आए कहीं बुराई,
हर एक दिल में दे तू दिखाई,
मेरी नजर को वो नूर देना,
उठा के सर जी सकूं जहां में,
बस इतनी इज्जत जरूर देना

बड़ी ने मांगू मैं चीज तुमसे,
औकात जितनी है मांगती हूं,
जो घाव दुख ने दिए हैं दिल पे,
तू उसका मरहम जरूर देना,
उठा के सर जी सकूं जहां में,
बस इतनी इज्जत जरूर देना।

मैं मांगती हूं ऐ मेरे मोहन,
वह चीज मुझको जरूर देना,
मिले जमाने की सारी दौलत,
मगर ना मुझको गुरूर देना,
उठा के सर जी सकूं जहां में,
बस इतनी इज्जत जरूर देना।

ना देना चाहे कुबेर का धन,
मगर सलीका सुरूर देना,
उठा के सर जी सकूं जहां में,
बस इतनी इज्जत जरूर देना।


भजन श्रेणी : कृष्ण भजन (Krishna Bhajan)

भजन श्रेणी : खाटू श्याम जी भजन (Khatu Shyam Ji Bhajan)


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