पुजारी खोल जरा पट द्वार, बंद कोठरी में बैठा है, बंद कोठरी में बैठा मेरा, सांवरिया सरकार, पुजारी, खोल जरा पट द्वार, पुजारी, ख़ोल जरा पट द्वार।
थके हुए हैं भक्त बिचारे, मोहनी रूप दिखा दे प्यारे, प्रेमी जन को ना बिसरा रै, आग बरसता सूरज सिर पर, आग बरसता सूरज सिर पर, लम्बी लगी कतार,
पुजारी, खोल जरा पट द्वार, पुजारी, ख़ोल जरा पट द्वार।
निष्ठुर क्यों भक्तों को धकेले, व्यर्थ करे झंझट ये झमेले, भक्त बिना भगवान अकेले, दीनानाथ की शरण पड़ा है, दीना नाथ की शरण पड़ा है, ये दुखिया संसार, पुजारी, खोल जरा पट द्वार, पुजारी, ख़ोल जरा पट द्वार।
सेवा ही अधिकार है तेरा,
Khatu Shyam Ji Bhajan Lyrics in Hindi,Krishna Bhajan Lyrics Hindi
मैं ठाकुर का ठाकुर मेरा, बीच भला क्या काम है तेरा, मंदिर कारागार नहीं है, मंदिर कारागार नहीं है, जिस पर तेरा अधिकार, पुजारी, खोल जरा पट द्वार, पुजारी, ख़ोल जरा पट द्वार।
बाहर प्रेमी तरस रहा है, अन्दर ठाकुर सिसक रहा है, हर्ष कहाँ तू खिसक रहा है, जीव ब्रम्ह को मिलने दे क्यों, जीव ब्रम्ह को मिलने दे क्यों,
व्यर्थ बना दीवार, पुजारी, खोल जरा पट द्वार, पुजारी, ख़ोल जरा पट द्वार।
पूजारी खोल जरा पट द्वार, बंद कोठरी में बैठा है, बंद कोठरी में बैठा मेरा, साँवरिया सरकार, पुजारी, खोल जरा पट द्वार, पुजारी, ख़ोल जरा पट द्वार।