तूने पकड़ा हाथ मेरा मैं बड़ी मस्ती में हूँ
तूने पकड़ा हाथ मेरा मैं बड़ी मस्ती में हूँ
तूने पकड़ा हाथ मेरा, मैं बड़ी मस्ती में हूँ,
खूब भटकी दर बदर, मैं खूब खाई ठोकरें,
आए जब दर पे तेरे, मैं बड़ी मस्ती में हूँ,
तूने पकड़ा हाथ मेरा, मैं बड़ी मस्ती में हूँ।।
दुनिया में धोखे मिले हैं, जब भरोसा किया,
बन गई मैं दास तेरा, मैं बड़ी मस्ती में हूँ,
तूने पकड़ा हाथ मेरा, मैं बड़ी मस्ती में हूँ।।
दीनों के तुम हो सहारे, दीन बंधु कहलाते हो,
मेरे सिर पर हाथ तेरा, मैं बड़ी मस्ती में हूँ,
तूने पकड़ा हाथ मेरा, मैं बड़ी मस्ती में हूँ।।
थक गई जी कर के कृष्ण, दुनिया की मैं चाकरी,
कर लिया विश्वास तेरा, मैं बड़ी मस्ती में हूँ,
तूने पकड़ा हाथ मेरा, मैं बड़ी मस्ती में हूँ।।
खूब भटकी दर बदर, मैं खूब खाई ठोकरें,
आए जब दर पे तेरे, मैं बड़ी मस्ती में हूँ,
तूने पकड़ा हाथ मेरा, मैं बड़ी मस्ती में हूँ।।
दुनिया में धोखे मिले हैं, जब भरोसा किया,
बन गई मैं दास तेरा, मैं बड़ी मस्ती में हूँ,
तूने पकड़ा हाथ मेरा, मैं बड़ी मस्ती में हूँ।।
दीनों के तुम हो सहारे, दीन बंधु कहलाते हो,
मेरे सिर पर हाथ तेरा, मैं बड़ी मस्ती में हूँ,
तूने पकड़ा हाथ मेरा, मैं बड़ी मस्ती में हूँ।।
थक गई जी कर के कृष्ण, दुनिया की मैं चाकरी,
कर लिया विश्वास तेरा, मैं बड़ी मस्ती में हूँ,
तूने पकड़ा हाथ मेरा, मैं बड़ी मस्ती में हूँ।।
Tune Pakda Haath jabse | #Latest #Krishna #Bhajan #Shyambhajan
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जब जीवन की कठिनाइयों, भटकाव और ठोकरों के बीच कोई आत्मा अपने भीतर की शक्ति या किसी उच्च सत्ता का सहारा पा लेती है, तो उसके भीतर एक अनोखी निश्चिंतता और आनंद का संचार हो जाता है। यह अनुभव उसे संसार की अस्थिरता, धोखे और निराशा से ऊपर उठा देता है। जब व्यक्ति को यह विश्वास हो जाता है कि कोई अदृश्य शक्ति उसका मार्गदर्शन कर रही है, उसका हाथ थामे हुए है, तो वह जीवन की हर परिस्थिति में मस्त, निडर और संतुष्ट रहता है। यह भाव उसे आत्मबल, शांति और अटूट विश्वास से भर देता है, जिससे वह हर चुनौती को सहजता से स्वीकार कर लेता है।
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Author - Saroj Jangir
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