मैया मैं तो ओढ़ चुनरिया जाऊंगी मेले में
ओ जाऊंगी मेले में,
सखी री मैं तो ओढ़ चुनरिया,
ओ जाऊंगी मेले में,
मैया री मैं तो ओढ़ चुनरिया,
ओ जाऊंगी मेले में,
सखी री मैं तो ओढ़ चुनरिया,
ओ जाऊंगी मेले में।
टीका पहनूं नथनी पहनूं,
पहनूं नौलखा हार,
आंख में कजरा, बालों में गजरा,
कर सोलह सिंगार,
सखी री मैं तो ओढ़ चुनरिया,
ओ जाऊंगी मेले में,
मैया री मैं तो ओढ़ चुनरिया,
ओ जाऊंगी मेले में,
सखी री मेरा मन नहीं लागे,
घर के झमेले में,
ओ री सखी मैं तो जाऊंगी मेले में।
चंपा जाए चमेली जाए,
मैं कैसे रह जाऊं,
चार आने की पाव जलेबी,
बैठ भवन में खाऊं,
मैया री मैं तो ओढ़ चुनरिया,
ओ जाऊंगी मेले में,
सखी री मैं तो ओढ़ चुनरिया,
ओ जाऊंगी मेले में।
ओ मैया मैं तो ना आती,
तेरी करामात ले आई,
ओ मैया मैं तो ना आती,
तेरी करामात ले आई।
टीका सोने का मेरे ससुरे ने घड़वाया,
सासु बैरन ने मोको घर से बाहर निकाला,
ओ मैया मैं तो ना आती,
तेरी करामात ले आई,
ओ मैया मैं तो ना आती,
तेरी करामात ले आई।
ओ हरवा सोने का मेरे जेठा ने घड़वाया,
ओ जिठानी मोटी ने मोको
घर से बाहर निकाला,
ओ मैया मैं तो ना आती,
तेरी करामात ले आई,
ओ मैया मैं तो ना आती,
तेरी करामात ले आई।
मेरी मैया ने बाग लगायो रे,
डाली डाली पे अनार,
मैं तो भर के टोकरा चली रे,
ले लो ले लो रे अनार,
वो तो रास्ते में कान्हा मिल गया रे,
दे जा दे जा रे अनार,
मेरी राधा सबसे मलूक रै,
राखे अंगना में गुलाल,
ले लो ले लो रे अनार।
वो तो रास्ते में भोले मिल गया रे,
दे जा दे जा रे अनार,
मेरी गौरा सबसे मलूक रे,
मेरी मैया ने बाग लगायो रे,
डाली डाली पे अनार,
मैं तो भर के टोकरा चली रे,
ले लो ले लो रे अनार।
मैया री मैं तो ओढ़ चुनरिया,
ओ जाऊंगी मेले में,
सखी री मैं तो ओढ़ चुनरिया,
ओ जाऊंगी मेले में,
मैया री मैं तो ओढ़ चुनरिया,
ओ जाऊंगी मेले में,
सखी री मैं तो ओढ़ चुनरिया,
ओ जाऊंगी मेले में।
भजन श्रेणी : माता रानी भजन (Mata Rani Bhajan)
MAIYA MEIN TOH NA AATI TERI KARAMAT LE AAYI
मन की गहराइयों का वह भाव जिसमें आत्मा सांसारिक उलझनों और मोह–ममता की सीमाओं से ऊपर उठकर आनंद और भक्ति के मेले की ओर बढ़ती है, वही यहाँ प्रतिफलित होता है। यह वह स्थिति है जहाँ भीतर की प्रसन्नता इतनी प्रबल होती है कि सब तनाव, दुख और क्लेश मिट जाते हैं। भक्त का मन स्वयं को सुंदरता, सज्जा और ऋद्धि के प्रतीक रूपों से सजाकर दिव्य उपस्थिति के सामने प्रस्तुत करना चाहता है। यह गहना–सिंगार न केवल देह का आभूषण है, बल्कि आत्मा की तैयारियों का संकेत है, जो माँ के दर्शन का योग पा लेने को तत्पर है।
Title - Ari Ri Mai Toh Odh Chunariya Jaungi Mele Meh
Artist - Kajal
Singer - Sheela Kalson
Lyrics & Composer - Traditional
Music - Pardeep Panchal
Editing - K.V Sain
Label - Fine Digital Video
Copyright - Fine Digital Media
Special Thanks To All Team
