मेरी चौखट पे चल के आज चारों धाम
मेरी चौखट पे चल के आज चारों धाम आये हैं भजन
मेरी चौखट पे चल के आज,चारों धाम आये हैं,
बजावो ढोल स्वागत में,
मेरे घर राम आये हैं,
मेरी चौखट पे चल के आज,
चारों धाम आये हैं,
बजावो ढोल स्वागत में,
मेरे घर राम आये हैं।
कथा शबरी की जैसे,
जुड़ गई मेरी कहानी से,
ना रोको, आज धोने दो चरण,
आंखों के पानी से,
बहुत खुश हैं मेरे आंसू,
के प्रभु के काम आये हैं,
बजावो ढोल स्वागत में,
मेरे घर राम आये है।
तुम को पा के क्या पाया है,
सृष्टि के कण कण से पूछो,
तुम को खोने का दुख क्या है,
कौशल्या के मन से पूछो,
द्वार मेरे ये अभागे,
आज इनके भाग जागे,
बड़ी लम्बी इंतजारी हुई,
रघुवर तुम्हारी तब,
आयी है सवारी,
संदेशे आज खुशियों के,
हमारे नाम आये हैं,
बजावो ढोल स्वागत में,
मेरे घर राम आये हैं।
दर्शन पाके हे अवतारी,
धनी हुए हैं नयन पुजारी,
जीवन नैया तुमने तारी,
मंगल भवन अमंगल हारी,
मंगल भवन अमंगल हारी।
निर्धन का तुम धन हो राघव,
तुम ही रामयण हो राघव,
सब दुख हरना अवध बिहारी,
मंगल भवन अमंगल हारी,
मंगल भवन अमंगल हारी।
चरण की धुल ले लूं मैं,
मेरे भगवन आये हैं,
बजावो ढोल स्वागत में,
मेरे घर राम आये हैं।
मेरी चौखट पे चल के आज,
चारों धाम आये हैं,
बजावो ढोल स्वागत में,
मेरे घर राम आये हैं,
मेरी चौखट पे चल के आज,
चारों धाम आये हैं,
बजावो ढोल स्वागत में,
मेरे घर राम आये हैं।
बजावो ढोल स्वागत में,
मेरे घर राम आये हैं,
मेरी चौखट पे चल के आज,
चारों धाम आये हैं,
बजावो ढोल स्वागत में,
मेरे घर राम आये हैं।
कथा शबरी की जैसे,
जुड़ गई मेरी कहानी से,
ना रोको, आज धोने दो चरण,
आंखों के पानी से,
बहुत खुश हैं मेरे आंसू,
के प्रभु के काम आये हैं,
बजावो ढोल स्वागत में,
मेरे घर राम आये है।
तुम को पा के क्या पाया है,
सृष्टि के कण कण से पूछो,
तुम को खोने का दुख क्या है,
कौशल्या के मन से पूछो,
द्वार मेरे ये अभागे,
आज इनके भाग जागे,
बड़ी लम्बी इंतजारी हुई,
रघुवर तुम्हारी तब,
आयी है सवारी,
संदेशे आज खुशियों के,
हमारे नाम आये हैं,
बजावो ढोल स्वागत में,
मेरे घर राम आये हैं।
दर्शन पाके हे अवतारी,
धनी हुए हैं नयन पुजारी,
जीवन नैया तुमने तारी,
मंगल भवन अमंगल हारी,
मंगल भवन अमंगल हारी।
निर्धन का तुम धन हो राघव,
तुम ही रामयण हो राघव,
सब दुख हरना अवध बिहारी,
मंगल भवन अमंगल हारी,
मंगल भवन अमंगल हारी।
चरण की धुल ले लूं मैं,
मेरे भगवन आये हैं,
बजावो ढोल स्वागत में,
मेरे घर राम आये हैं।
मेरी चौखट पे चल के आज,
चारों धाम आये हैं,
बजावो ढोल स्वागत में,
मेरे घर राम आये हैं,
मेरी चौखट पे चल के आज,
चारों धाम आये हैं,
बजावो ढोल स्वागत में,
मेरे घर राम आये हैं।
भजन श्रेणी : राम भजन (Ram Bhajan)
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Author - Saroj Jangir
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