हर हर शंभू जुबिन नौटियाल
चंद्रमा ललाट जागे,
जटाओं में गंगा सोई,
तेरे जैसा आदि योगी,
हुआ है ना होगा कोई।
चंद्रमा ललाट जागे,
जटाओं में गंगा सोई,
तेरे जैसा आदि योगी,
हुआ है ना होगा कोई।
बाबा इतना सरल तू,
हर प्रार्थना का फल तू,
मेरे भोले शंभू,
हर हर शंभू,
निर्बलों का है बल तू।
हैं माटी के दिए हम तो,
हवा से कैसे टकराते,
तेरे हाथों ने घेरा है,
नहीं तो कबके बुझ जाते।
दुख की सिलवटें आई,
जब हमारे माथे पर,
कोई ढूंढा शिवाला,
और झुका दिया है सर।
धड़कनों से आती है,
अब कहां ध्वनि कोई,
आठों पहर सीने में,
गूंजता है हर हर हर।
बाबा दर्शन तू नयन तू,
बाबा रातों का रतन तू,
मेरे भोले शंभू,
हर हर शंभू,
निर्धनों का है धन तू।
तेरे पग में ना झुकते तो,
उठा के सर ना जी पाते,
तेरे बिन कौन है मरुस्थल में,
भी जो मेघ बरसा दे।
दानियों का दानी है तु,
सारी सृष्टि याचक है,
नाथ भय उसे है किसका,
जो तेरा उपासक है।
आते जाते रहते हैं,
धूप छांव से नाते,
तू पिता है तेरी करुणा,
जन्म से चिता तक है।
बाबा जीवन तू मरण तू,
बाबा ममता की छांव तू,
मेरे भोले शंभू,
हर हर शंभू,
सब सुखों का कारण तू।
कोई गिनती नहीं जग में,
कर्म तेरे जो गिनवा दे,
सुन अंदर स्याही होता तो,
तेरे उपकार लिख पाते।
हैं माटी के दिए हम तो,
हवा से कैसे टकराते,
तेरे हाथों ने घेरा है,
नहीं तो कबके बुझ जाते।
Har har Shambhu - lyrics || jubin Nautiyal, Payal Dav ,Manoj Muntashir shukla kashan
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