तेरी रहमतों में अपनी औकात को ना भूले

तेरी रहमतों में अपनी औकात को ना भूले

तेरी रहमतों में अपनी,
औकात को ना भूले,
दिन के उजाले पाकर,
हम रात ना भूले,
तेरी रहमतों में अपनी,
औकात को ना भूले,
दिन के उजाले पाकर,
हम रात ना भूले।

अच्छे बुरे कर्म तो,
हर कोई कर रहा है,
कोई करके डर रहा है,
कोई डर से कर रहा है,
बदले हैं आजकल जो
हालात को ना भूले,
दिन के उजाले पाकर,
हम रात ना भूले,
तेरी रहमतों में अपनी,
औकात को ना भूले,
दिन के उजाले पाकर,
हम रात ना भूले।

आपस में हम लड़े ना,
किसी बात पर अड़े ना,
कोई वास्ता दुखों से,
अपना कभी पड़े ना,
है ये जिंदगी खुदा की,
सौगात को ना भूले,
दिन के उजाले पाकर,
हम रात ना भूले,
तेरी रहमतों में अपनी,
औकात को ना भूले,
दिन के उजाले पाकर,
हम रात ना भूले।

स्वार्थ की है ये दुनिया,
हर कोई स्वार्थी है,
बस वो बचे हैं जिनका,
दाता तू सारथी है,
हम शौक भूल कर भी,
इस बात को ना भूले,
दिन के उजाले पाकर,
हम रात ना भूले,
तेरी रहमतों में अपनी,
औकात को ना भूले,
दिन के उजाले पाकर,
हम रात ना भूले।

तेरी रहमतों में अपनी,
औकात को ना भूले,
दिन के उजाले पाकर,
हम रात ना भूले,
तेरी रहमतों में अपनी,
औकात को ना भूले,
दिन के उजाले पाकर,
हम रात ना भूले।


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