भारत हमारी माँ है माता का रूप प्यारा लिरिक्स
भारत हमारी माँ है,
माता का रूप प्यारा,
करना इसी की रक्षा,
कर्तव्य है हमारा।
जननी समान धरती,
जिस पर जन्म लिया है,
निज अन्न वायु जल से,
जिसने बड़ा किया है,
जीवन वो कैसा जीवन,
इस पर अगर न वारा।
स्वर्णिम प्रभात जिस का,
अमृत लुटाने आये,
जहाँ सांझ मुस्कुराकर,
दिन की थकान मिटाये,
दिन रात का चलन भी,
जहाँ शेष जग से न्यारा।
जहाँ घाम भीगा पावस,
भीनी शरद सुहाये,
बीते शिशिर को पतझड़,
देकर वसंत जाये,
जिसे धूप छांव वर्षा,
हिमपात ने सवाँरा।
पावन पुनीत माँ का,
मन्दिर सहज सुहाना,
फिर से लुटे न बेटो,
तुम नींद में न खोना,
जागृत सुतों का बल ही,
माँ का सदा सहारा।