घर में भूखी बैठी मात
बाहर के लंगर लगावे रे
बाहर लंगर लगावे रे बाहर
भंडारे करावे रे
चार चार मैंने बेटे पाले
मेरी दो रोटी के लाले
बुढ़ापा सबको आवे रे
बुढ़ापा सबको आवे रे
मात-पिता की कदर करे ना
शर्म लाज से कभी डरे ना
साथ तेरे कुछ ना जावे रे
साथ तेरे को सुना जा
घड़ा पाप का फुटे रे बेटा
यह दुनिया तुझे लूटेरे बेटा
फिर तुझे कौन बजावे रे
यह कौन बजावे रे
मात पिता को भूलो मत ना
नींद नशे में झूमे मत ना
मात तेरी तुझे समझावे रे
माता तेरी तुझे समझावे रे
बुढ़ापा सबको आवे रे
घर में भूखी बैठी मात
बाहर के लंगर लगावे रे
बाहर लंगर लगावे रे बाहर
भंडारे करावे रे
बाहर के लंगर लगावे रे
बाहर लंगर लगावे रे बाहर
भंडारे करावे रे
चार चार मैंने बेटे पाले
मेरी दो रोटी के लाले
बुढ़ापा सबको आवे रे
बुढ़ापा सबको आवे रे
मात-पिता की कदर करे ना
शर्म लाज से कभी डरे ना
साथ तेरे कुछ ना जावे रे
साथ तेरे को सुना जा
घड़ा पाप का फुटे रे बेटा
यह दुनिया तुझे लूटेरे बेटा
फिर तुझे कौन बजावे रे
यह कौन बजावे रे
मात पिता को भूलो मत ना
नींद नशे में झूमे मत ना
मात तेरी तुझे समझावे रे
माता तेरी तुझे समझावे रे
बुढ़ापा सबको आवे रे
घर में भूखी बैठी मात
बाहर के लंगर लगावे रे
बाहर लंगर लगावे रे बाहर
भंडारे करावे रे
बुढ़ापा सबको आवे रे भजन लिरिक्स Budhapa Sabko Aave Re Lyrics GHAR MEIN BHUKI BETHI MAA BHAR TU BHANDARE KARAVE RE
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