बुढ़ापा सबको आवे रे भजन

बुढ़ापा सबको आवे रे भजन

 
बुढ़ापा सबको आवे रे भजन Budhapa Sabko Aave Re Lyrics, Devotional Bhajan

घर में भूखी बैठी मात
बाहर के लंगर लगावे रे
बाहर लंगर लगावे रे बाहर
भंडारे करावे रे

चार चार मैंने बेटे पाले
मेरी दो रोटी के लाले
बुढ़ापा सबको आवे रे
बुढ़ापा सबको आवे रे

मात-पिता की कदर करे ना
शर्म लाज से कभी डरे ना
साथ तेरे कुछ ना जावे रे
साथ तेरे को सुना जा

घड़ा पाप का फुटे रे बेटा
यह दुनिया तुझे लूटेरे बेटा
फिर तुझे कौन बजावे रे
यह कौन बजावे रे

मात पिता को भूलो मत ना
नींद नशे में झूमे मत ना
मात तेरी तुझे समझावे रे
माता तेरी तुझे समझावे रे

बुढ़ापा सबको आवे रे
घर में भूखी बैठी मात
बाहर के लंगर लगावे रे
बाहर लंगर लगावे रे बाहर
भंडारे करावे रे


GHAR MEIN BHUKI BETHI MAA BHAR TU BHANDARE KARAVE RE

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