दिव्य ध्येय की ओर तपस्वी जीवन भर अविचल चलता है लिरिक्स Divy Dhey Ki Aur Lyrics

दिव्य ध्येय की ओर तपस्वी जीवन भर अविचल चलता है लिरिक्स Divy Dhey Ki Aur Lyrics, Prerak Geet/Deshbhakti Geet

दिव्य ध्येय की ओर तपस्वी,
जीवन भर अविचल चलता है,
दिव्य ध्येय की ओर तपस्वी,
जीवन भर अविचल चलता है।

सज धज कर आए आकर्षण,
पग पग पर झूमते प्रलोभन,
हो कर सब से विमुख बटोही,
पथ पर संभल संभल बढता है,
दिव्य ध्येय की ओर तपस्वी,
जीवन भर अविचल चलता है।

अमर तत्व की अमिट साधना,
प्राणो मे उत्सर्ग कामना,
जीवन का शाश्वत व्रत ले कर,
साधक हँस कण कण गलता है,
दिव्य ध्येय की ओर तपस्वी,
जीवन भर अविचल चलता है।

सफल विफल और आस निराशा,
इस की ओर कहाँ जिज्ञासा,
बीहडता मे राह बनाता,
राही मचल मचल चलता है,
दिव्य ध्येय की ओर तपस्वी,
जीवन भर अविचल चलता है।

दिव्य ध्येय की ओर तपस्वी,
जीवन भर अविचल चलता है,
दिव्य ध्येय की ओर तपस्वी,
जीवन भर अविचल चलता है।



 
Latest New Bhajan Lyrics Hindi नए भजन लिरिक्स हिंदी/Largest Collection of Hindi Bhajan Lyrics No. 1 Lyrics Blog

ऐसे ही अन्य मधुर भजन देखें

पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।

अपने पसंद का भजन खोजे

+

एक टिप्पणी भेजें