मन मंदिर में देख तू प्राणी, क्यूँ बनता नादान, मन मंदिर में देख तू प्राणी, क्यों बनता नादान, ढूंढ रहा संसार में मूर्ख, मिलेंगे क्या भगवान्, मनमंदिर में देख तू प्राणी, क्यों बनता नादान।
भेजा उसने जगत में तुमको, फैला करके बाहें,
फैला करके बाहें, भूल गया तू यहाँ पे आकर, सत्य धर्म की राहें, मोह माया के जाल में तेरी, उलझ कर रह गई जान, ढूंढ रहा संसार में मूर्ख, मिलेंगे क्या भगवान्, मनमंदिर में देख तू प्राणी, क्यों बनता नादान।
औरों का दुःख बांटने वाला, कभी दुखी ना होता, औरों के दुःख में जागे वो, सदा चैन से सोता,
devotional Bhajan Lyrics in Hindi
दर्द पराये जो ले जग में, होता वही महान, ढूंढ रहा संसार में मूर्ख, मिलेंगे क्या भगवान्, मनमंदिर में देख तू प्राणी, क्यों बनता नादान।
जहाँ ना पूजा प्रेम धर्म हो, गुमराह होकर ना जा, मन का पंछी तड़प रहा तू, पिंजरा तोड़ के आजा, क्षमा दया से नाता प्रभु का, मांग ले तू वरदान, ढूंढ रहा संसार में मूर्ख,
मिलेंगे क्या भगवान्, मनमंदिर में देख तू प्राणी, क्यों बनता नादान।
मन मंदिर में देख तू प्राणी क्यूँ बनता नादान | Heart Touching Bhajan | Kumar Vishu | HD Video
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