जन्मदिन श्याम धणी को आयो भजन
चालो चालो भक्तों,
बाबा श्याम ने बुलाया,
भगतां को भारी मेला,
भक्तां को भारी,
जन्म दिन, जय हो,
जन्म दिन, जय हो,
जन्मदिन श्याम धणी को आयो,
मेला लागे भगता को भारी।
कार्तिक चांदण ग्यारस के दिन,
भारी मेला लागे,
जाग उठे तकदीर उसी की,
जिसमें शृद्धा जागे,
ज्योत लगा के बाबा की,
सब राजी हो नर नार,
जन्म दिन, जय हो,
जन्म दिन, जय हो,
जन्मदिन श्याम धणी को आयो,
मेला लागे भगता को भारी।
चारकूंट से भगत लाडले,
श्याम धणी के आवे,
ढोल नगाड़े चंग बचावे,
खूब धमाल मचावे,
छप्पन भोग छतीसों व्यंजन,
जीम रहे गिरधारी,
जन्म दिन, जय हो,
जन्म दिन, जय हो,
जन्मदिन श्याम धणी को आयो,
मेला लागे भगता को भारी।
भेद न कोई धर्म जात का,
यहाँ सब भाई भाई,
जो आया बाबा के दर पे,
उसने कृपा पाई,
है जग में सारे में मेरे,
बाबा की लखदातार,
जन्म दिन, जय हो,
जन्म दिन, जय हो,
जन्मदिन श्याम धणी को आयो,
मेला लागे भगता को भारी।
फुलां से शृंगार करे बाबा ने खूब सजाते,
कई कई मन के केक कटे,
प्रशाद भक्त जन पाते ,
भूलन त्यागी भजन बनावे,
गावे दुनिया सारी,
जन्मदिन श्याम धणी को आयो,
मेला लागे भगता को भारी।