ज़्यादा उड़ने वालों के पर ये काट देता है

ज़्यादा उड़ने वालों के पर ये काट देता है

 
ज़्यादा उड़ने वालों के पर ये काट देता है Jyada Udane Wale Ke Par Lyrics

खुश हो जाये सांवरा,
तो संवारा हर ठाठ देता है,
ज़्यादा उड़ने वालों के,
पर ये काट देता है।

इस दर पे जब कभी आना,
और चाहो खुशिया पाना,
बन करके सखा सुदामा,
चरणों में शीश झुकाना,
ये घर आंगन को,
धन दोलत से पाट देता है,
ज़्यादा उड़ने वालों के,
पर ये काट देता है।

ये कलयुग का अवतारी,
करे नीले पर करे सवारी,
ले मोर छड़ी हाथो में,
हर लेता संकट भारी,
गम की बदली,
काली काली छाट देता है,
ज़्यादा उड़ने वालों के,
पर ये काट देता है।

नजरे है इसकी बाँकी,
बस प्रेम से जान को झांकी,
पर याद सदा ये रखना,
ना करना कभी चालाकी,
ये चालाको की पल में,
खड़ी कर ठाठ देता है
ज़्यादा उड़ने वालों के,
पर ये काट देता है।

खाटू नगरी इसे प्यारी सुंदर,
मेरा श्याम बिहारी,
बेधड़क प्रेम करता है,
करता है ये सच्चा प्रेम पुजारी,
अपने हिस्से की खुसिया,
सब में बाँट देता है,
ज़्यादा उड़ने वालों के,
पर ये काट देता है।

खुश हो जाये सांवरा,
तो संवारा हर ठाठ देता है,
ज़्यादा उड़ने वालों के,
पर ये काट देता है।


ज्यादा उड़ने वालों के पर ये काट देता है

⇨Album :- ज्यादा उड़ने वालों के पर ये काट देता है
⇨Bhajan :- Jyada Udne Walo Ke Par Ye Kaat Deta Hai
⇨Singer :- Gunjan Verma
⇨Lyrics :- Shri Pappu Bedhadak Ji
⇨Music :- Rajendra Singh
⇨Copyright :- Skylark Infotainment

सांवरा जब प्रसन्न होता है, तो जीवन में हर सुख-सुविधा बरसाता है, जैसे सुदामा की झोपड़ी को धन से भर देना। लेकिन जो लोग अहंकार में ऊंची उड़ान भरते हैं, उनके पंख कतर देता है, ताकि वे जमीन पर रहें। इस दरबार में आकर सच्चे मन से सिर झुकाओ, तो वो सारे दुखों की काली छाया को छांट देता है। कलयुग में नीले घोड़े पर सवार होकर, मोर मुकुट और छड़ी थामे, वो भारी संकटों को हर लेता है। नजरें उसकी तिरछी पड़ती हैं, लेकिन प्रेम से देखो तो सब कुछ समझ आता है। चालाकी करने की कोशिश मत करो, क्योंकि वो चालाकों की सारी बनावट को पल में उलट देता है।

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