आजा भवानी एक बार मैं तो कब से खड़ा हूँ

आजा भवानी एक बार मैं तो कब से खड़ा हूँ

(मुखड़ा)
आजा भवानी, एक बार,
मैं तो कब से खड़ा हूँ,
तेरे द्वार पर,
आजा भवानी, एक बार।।

(अंतरा)
अंबे भवानी, दुर्गे भवानी,
मुझे आस चरण की,
रख लेना मैया, लाज हमारी,
लागी लगन की,
दर्शन तो दे दे, एक बार,
मैं तो कब से खड़ा हूँ,
तेरे द्वार पर,
आजा भवानी, एक बार।।

भेंट लिए, मैं तो कब से खड़ा हूँ,
मैया, द्वार पे तेरे,
पूरण कर दे, मैया भवानी,
कारज मेरे,
मुझको है तेरा, ऐतबार,
मैं तो कब से खड़ा हूँ,
तेरे द्वार पर,
आजा भवानी, एक बार।।

है जग दाती, तेरे चरण की,
धूल मिले जो,
राजेंद्र के घर, खुशियों के माँ,
फूल खिले जो,
मिल जाए चैन, करार,
मैं तो कब से खड़ा हूँ,
तेरे द्वार पर,
आजा भवानी, एक बार।।

(अंतिम पुनरावृत्ति)
आजा भवानी, एक बार,
मैं तो कब से खड़ा हूँ,
तेरे द्वार पर,
आजा भवानी, एक बार।।
 


आजा भवानी एक बार में तो कब से खड़ा तेरे द्वार पर

स्वर-राजेंद्र प्रसाद सोनी
गीतकार -राजेन्द्र प्रसाद सोनी
गीत-आज भवानी एक बार में तो कब से खड़ा तेरे द्वार पर

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