मैं रोटी गई थी गजब बहूँ बण के लिरिक्स
मैं रोटी गई थी गजब बहूँ बण के लिरिक्स Main Roti Gayi Thi Hariyanavi Song
मैं रोटी गई थी गजब बहूँ बण के,तू रोटी खा ले छैल आई सूं जळ भून के,
उन्ने चांटे मारे चार, मेरी कड़ में कस कस के,
मैं उल्टी घर में आगी, करड़ा सा मन करके,
मैं सोगी चूंदड़ ताण दरवाजा बंद करके,
वो आया आधी रात गेहुँआ के टीले भर के,
गौरी जल्दी साँकळ खोल के सोगी बैरण बण के,
तन्ने भूंडी द्यूंगा गाळ रोवेगी मोंधी पड़ के,
तू भूंडी दे ले गाळ देऊँगी हलवा करके,
मेरा आ रहा बड़का बीर, पीहर जांगी तड़के,
तेरा उड़े ल्यूंगी बयान, भाइयाँ में खड़ा करके,
तेरे पट्ठे ल्यूंगी पाड़ सखियाँ में रळ मिल के,
तेरी खाली आवे कार, रोवेगा भाड़ा भर के,
मेरे छौरे मारे तीर, गाल्या में खड़ा करके,
तन्ने सुना पावेगा महल, रोवेगा कूणा बड़ के,
तेरी खाली पावै सेज, रोवेगा मौधा पड़ के,
तेरे फेर आवेगी याद मारी थी कस कस के,
मैं रोटी गई थी गजब बहूँ बण के,
मैं रोटी गई थी गजब बहूँ बण के,
उन्ने चांटे मारे चार, मेरी कड़ में कस कस के,
मैं उल्टी घर में आगी, करड़ा सा मन करके,
मैं सोगी चूंदड़ ताण दरवाजा बंद करके,
वो आया आधी रात गेहुँआ के टीले भर के,
गौरी जल्दी साँकळ खोल के सोगी बैरण बण के,
तन्ने भूंडी द्यूंगा गाळ रोवेगी मोंधी पड़ के,
तू भूंडी दे ले गाळ देऊँगी हलवा करके,
मेरा आ रहा बड़का बीर, पीहर जांगी तड़के,
तेरा उड़े ल्यूंगी बयान, भाइयाँ में खड़ा करके,
तेरे पट्ठे ल्यूंगी पाड़ सखियाँ में रळ मिल के,
तेरी खाली आवे कार, रोवेगा भाड़ा भर के,
मेरे छौरे मारे तीर, गाल्या में खड़ा करके,
तन्ने सुना पावेगा महल, रोवेगा कूणा बड़ के,
तेरी खाली पावै सेज, रोवेगा मौधा पड़ के,
तेरे फेर आवेगी याद मारी थी कस कस के,
मैं रोटी गई थी गजब बहूँ बण के,
मैं रोटी गई थी गजब बहूँ बण के,
लोक गीत श्रेणी : लोकगीत Lokgeet/Folk Song
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