मैं तो चटक मटक के चलती थी भजन लिरिक्स Main To Chatak Matak Chalati Lyrics

मैं तो चटक मटक के चलती थी भजन लिरिक्स Main To Chatak Matak Chalati Lyrics, Devotional / Chetawani Song By Suman Sharma

मैं तो चटक मटक के,
चलती थी,
मेरी मंदी पड़ गई चाल,
बुढ़ापा आ गया,
मैं तो चटक मटक के,
चलती थी,
मेरी मंदी पड़ गई चाल,
बुढ़ापा आ गया।

मैं तो ऊंची अटरिया पर,
सोती थी,
मेरी नीचे आ गई खाट,
बुढ़ापा आ गया,
मैं तो चटक मटक के,
चलती थी,
मेरी मंदी पड़ गई चाल,
बुढ़ापा आ गया।

मैं तो दूध कटोरा,
पीती थी,
मेरी आ गई हाथ में चाय,
बुढ़ापा आ गया,
मैं तो चटक मटक के,
चलती थी,
मेरी मंदी पड़ गई चाल,
बुढ़ापा आ गया।

मैं तो पूड़ी कचौड़ी,
खाती थी
अब मिलते ना बासे टूक,
बुढ़ापा आ गया,
मैं तो चटक मटक के,
चलती थी,
मेरी मंदी पड़ गई चाल,
बुढ़ापा आ गया।

बाहर से बेटा आ गया,
मैया क्यों बैठी हो उदास,
बुढ़ापा आ गया,
मैं तो चटक मटक के,
चलती थी,
मेरी मंदी पड़ गई चाल,
बुढ़ापा आ गया।

बेटा और बहू खाना खा बैठे,
अब मेरी ना पूछ ही बात,
बुढ़ापा आ गया,
मैं तो चटक मटक के,
चलती थी,
मेरी मंदी पड़ गई चाल,
बुढ़ापा आ गया।

मैंने सरक सरक,
बोईया पकड़ा,
कठोर दान में बासी टुक,
बुढ़ापा आ गया,
मैं तो चटक मटक के,
चलती थी,
मेरी मंदी पड़ गई चाल,
बुढ़ापा आ गया।

मेरे दाढ़ नहीं,
मेरे दांत नहीं,
ना चवते वासी टुक,
बुढ़ापा आ गया,
मैं तो चटक मटक के,
चलती थी,
मेरी मंदी पड़ गई चाल,
बुढ़ापा आ गया।

मैया मेरे बस की बात नहीं,
इसे मारूं तो जल फूंक जाय,
बुढ़ापा आ गया,
मैं तो चटक मटक के,
चलती थी,
मेरी मंदी पड़ गई चाल,
बुढ़ापा आ गया।

बेटा मैं ना कहती मारण को,
मैंने भरा सवर का घूंट,
बुढ़ापा आ गया,
मैं तो चटक मटक के,
चलती थी,
मेरी मंदी पड़ गई चाल,
बुढ़ापा आ गया।

मैं तो चटक मटक के,
चलती थी,
मेरी मंदी पड़ गई चाल,
बुढ़ापा आ गया,
मैं तो चटक मटक के,
चलती थी,
मेरी मंदी पड़ गई चाल,
बुढ़ापा आ गया।


लोक गीत श्रेणी : लोकगीत Lokgeet/Folk Song




मैं तो चटक मटक के चलती थी भजन लिरिक्स Main To Chatak Matak Chalati Lyrics M CHATAK MATAK KE CHALTI THI MERI MANDI PAD GAYI CHAL BUDHAPA AAGYA

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