मथुरा से गोकुल आये कान्हा भरी बरसात में
मथुरा से गोकुल आये,
कान्हा भरी बरसात में,
नंद घर आये वासुदेव,
कान्हा लिये साथ में।
विधाता का खेल निराला,
गोकुल आया गोपाला,
हर्ष उल्लास छाया,
नंदलाल नाम पाया।
श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा,
श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा।
मथुरा से गोकुल आये,
कान्हा भरी बरसात में,
नंद घर आये वासुदेव,
कान्हा लिये साथ में।
देवकी ने जाया,
यशोदा ने पाला,
वासु पुत्र नंदलाला,
आला रे आला,
बृज का ग्वाला,
बृज भानु मतवाला,
माखन चोर नंद किशोर,
माधव पेजण वाला।
श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा,
श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा।
खेलन जो काली देह पे आया,
गेंद गई जमुना में,
लेने गेंद जमुना में कुदा,
नथा कालिया पल में,
कृष्ण करिश्मा जग ने देखा,
जय का लगा जयकारा।
श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा,
श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा,
श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा।
मथुरा से गोकुल आये,
कान्हा भरी बरसात में,
नंद घर आये वासुदेव,
कान्हा लिये साथ में।
श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा,
श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा।