मुरली साँवरिया की भजन
कृष्ण मुरारी हे गिरधारी,
पालनहारी तारणहारी,
कृष्ण मुरारी हे गिरधारी,
पालनहारी तारणहारी।
बंसी बजैया रास रचैया,
जाऊं कन्हैया मैं बलिहारी,
बंसी बजैया रास रचैया,
जाऊं कन्हैया मैं बलिहारी।
सांवरिया बजाये मुरली,
नाच रही राधा रानी,
नाच रही राधा रानी,
बृज की पटरानी।
नन्दलाला बजाये बांसुरी,
झूम रही राधा रानी,
नन्दलाला बजाये बांसुरी,
झूम रही राधा रानी।
कृष्ण मुरारी हे गिरधारी,
पालनहारी तारणहारी,
कृष्ण मुरारी हे गिरधारी,
पालनहारी तारणहारी।
मधुर तान पे राधा ने अपनी,
सुध बुध है बिसराई,
संग किशौरी जी के देखो,
नाचे हैं कृष्ण कन्हाई,
दिखे चहुं दिस,
श्याम ही श्याम,
भई ऐसी दिवानी,
भई ऐसी दिवानी,
बृज की पटरानी,
नन्दलाला बजाये बांसुरी,
झूम रही राधा रानी,
नन्दलाला बजाये बांसुरी,
झूम रही राधा रानी।
कृष्ण मुरारी हे गिरधारी,
पालनहारी तारणहारी,
कृष्ण मुरारी हे गिरधारी,
पालनहारी तारणहारी।
जमुना के तट सांवरिया जी,
रास रचावे न्यारा,
कौटिल रूप धरे जब मोहन,
लागे अति मतवारा,
बलिहारी है चरणजीत,
श्याम की सुन वाणी,
बलिहारी है चरणजीत,
श्याम की सुन वाणी,
श्याम की सुन वाणी,
बृज की पटरानी,
नन्दलाला बजाये बांसुरी,
झूम रही राधा रानी,
नन्दलाला बजाये बांसुरी,
झूम रही राधा रानी।
सांवरिया बजाये मुरली,
नाच रही राधा रानी,
कृष्ण मुरारी हे गिरधारी,
पालनहारी तारणहारी,
कृष्ण मुरारी हे गिरधारी,
पालनहारी तारणहारी।
राधे राधे राधे राधे राधे राधे,
राधे राधे राधे राधे राधे राधे।
कृष्ण मुरारी हे गिरधारी,
पालनहारी तारणहारी,
कृष्ण मुरारी हे गिरधारी,
पालनहारी तारणहारी।