अर्थ: "हम उस परम सूर्य देव (सविता) के श्रेष्ठ तेज का ध्यान करते हैं, जो भू (पृथ्वी), भुवः (अंतरिक्ष) और स्वः (स्वर्ग) में व्याप्त है। वह दिव्य प्रकाश हमारी बुद्धि को प्रेरित और प्रकाशित करे।" यह मंत्र ज्ञान, बुद्धि और आध्यात्मिक जागृति के लिए प्रार्थना है।
अर्थ: "ऊँ, आकाश में शांति हो, अंतरिक्ष में शांति हो, पृथ्वी पर शांति हो, जल में शांति हो, औषधियों में शांति हो, वनस्पतियों में शांति हो, सभी देवताओं में शांति हो, ब्रह्म में शांति हो, सर्वत्र शांति हो, केवल शांति ही शांति हो। वह शांति मुझे प्राप्त हो। ऊँ शांति, शांति, शांति।" यह प्रार्थना संपूर्ण सृष्टि और स्वयं के लिए शांति की कामना करती है।
यह मंत्र और शांति पाठ ध्यान के माध्यम से मन को शांत करने, बुद्धि को जागृत करने और ब्रह्मांड में सर्वत्र शांति स्थापित करने की प्रार्थना है। "ॐ" का उच्चारण तीन बार ब्रह्मांड की मूल ध्वनि का प्रतीक है, जो मन को एकाग्र करता है। यह एक आध्यात्मिक अभ्यास है, जो व्यक्ति को परम शक्ति से जोड़ता है और शांति का अनुभव कराता है।