शीश गंगे की धार भजन लिरिक्स Sheesh Gange Ki Dhar Lyrics

शीश गंगे की धार भजन लिरिक्स Sheesh Gange Ki Dhar Lyrics, Shiv Bhajan by Braj Geet

शीश गंगे की धार,
गले सर्पो के हार महादेवा,
भोले कैसे करूँ तेरी सेवा।

तेरी सेवा में जल ले आई,
तूने उसमे भी कमी बतलाई,
मछली कर गई बेकार,
मैं तो हो गई लाचार ,महादेवा,
भोले कैसे करूँ तेरी सेवा।

तेरी सेवा में दूध ले आई,
तूने उसमे भी कमी बतलाई,
बछड़ा कर गया बेकार,
भोले कैसे करूँ तेरी सेवा।

तेरी सेवा में फल के आई,
तूने उसमे भी कमी बतलाई,
तोता कर गया बेकार,
भोले कैसे करूँ तेरी सेवा।

शीश गंगे की धार,
गले सर्पो के हार महादेवा,
भोले कैसे करूँ तेरी सेवा।

भजन श्रेणी : शिव भजन ( Shiv Bhajan) शिव जी के सभी भजन देखने के लिए क्लिक करें.


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