सुरस सुबोधा विश्वामनोज्ञा ललिता

सुरस सुबोधा विश्वामनोज्ञा ललिता

सुरस सुबोधा विश्वामनोज्ञा,
ललिता हृद्या रमणीया,
अमृतवाणी संस्कृ्तभाषा,
नैव क्लिष्टाृ न च कठिना।

कविकुलगुरु वाल्मीकि विरचिता,
रामायण रमणीय कथा,
अतीवसरला मधुर मंजुला,
नैव क्लिष्टा न च कठिना।

व्यासस विरचिता गणेश लिखिता,
महाभारते पुण्य कथा,
कौरव पाण्डधव संगर मथिता,
नैव क्लिष्टात न च कठिना।

कुरुक्षेत्र समरांगणगीता,
विश्व वंदिता भगवद्गीता,
अतीव मधुरा कर्मदीपिका,
नैव क्लिष्टाक न च कठिना।

कवि कुलगुरु नव रसोन्मेनषजा,
ऋतु रघु कुमार कविता,
विक्रम शाकुन्तल मालविका,
नैव क्लिष्टाक न च कठिना।



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