थारी कांई छः मनस्या कांई छः विचार लिरिक्स
थारी कांई छः मनस्या,
कांई छः विचार,
सुणियो जी म्हारा लखदातार,
थारी कांई छः मनस्या,
कांई छः विचार,
सुणियो जी म्हारा लखदातार।
हार गयो जी मैं तो,
विनती कर क,
पड़ी नहीं काना भणकार,
थारी कांई छः मनस्या,
कांई छः विचार,
सुणियो जी म्हारा लखदातार।
म्हे दुखिया ना चैन घड़ी को,
थे तो जाणो सारी सार,
थारी कांई छः मनस्या,
कांई छः विचार,
सुणियो जी म्हारा लखदातार।
थां सं या भी नाहिं छानी,
छः नही म्हारो और आधार,
थारी कांई छः मनस्या,
कांई छः विचार,
सुणियो जी म्हारा लखदातार।
देर करो थाणे जितनी करणी,
सुणनी पडसी करुण पुकार,
थारी कांई छः मनस्या,
कांई छः विचार,
सुणियो जी म्हारा लखदातार।
म्हारै लाम थारे ढील घणी है,
बेगा आवो नही करो ऊवार,
थारी कांई छः मनस्या,
कांई छः विचार,
सुणियो जी म्हारा लखदातार।
आलूसिंह जी थारों ध्यान लगाव,
रोज कर थारों श्रृंगार,
थारी कांई छः मनस्या,
कांई छः विचार,
सुणियो जी म्हारा लखदातार।
थारी कांई छः मनस्या कांई छः विचार - Shyam Singh Chouhan Khatu | Thari Kaai Che Mansya
स्वर: महाराज श्री श्याम सिंह जी चौहान
Label: Shyam Singh Chouhan Khatu
Contact: 9829406461
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