वायक आया ओ गुरुदेव रा लिरिक्स हिंदी मीनिंग Vaayak Aaya O Gurudev Hindi Meaning Rajasthani Bhajan Meaning in Hindi (Marwadi Bhajan Meaning in Hindi)
यह भजन परम भक्त रूपादे जी का है जिसमे एक समय में धारू मेघवाल के घर पर जमारों (भजन संध्या) का आयोजन करवाया। उस जागरण में गुरु देव जी (हुकुम सिंह जी ) कहते हैं की धारू, यदि तुम जागरण में रूपादे जी को बुला लो तो अत्यंत ही शोभा की बात होगी, क्योंकि रूपादे जी ईश्वर की परम भक्त हैं।
इस पर धारू मेघवाल वायक (वाहक, दूत, बुलावा) रानी रूपादे जी के पास भेजता है और उनको भजनों में आने न्योता देता है। इसी के आधार पर यह भजन आधारित है। इस भजन का हिंदी अर्थ निचे दिया गया है।
इस पर धारू मेघवाल वायक (वाहक, दूत, बुलावा) रानी रूपादे जी के पास भेजता है और उनको भजनों में आने न्योता देता है। इसी के आधार पर यह भजन आधारित है। इस भजन का हिंदी अर्थ निचे दिया गया है।
वायक आया ओ गुरुदेव रा रै,
रूपा बाई जमले पधारो रे हाँ,
जमले माई जावणो,
जागे रावळ माळ,
रूपा गुरु से अरज करे,
गुरु म्हारे सामी भाल,
वायक आया ओ गुरुदेव,
राये रूपा जमले पधारो रे हाँ,
रूपा बाई जमले पधारो, रे हाँ,
नगरों माळ जागे रे, हाँ।
केम करे ने गुरूजी आविया रे,
सुता रावल माल जागे रे हाँ,
अरे निंद्रारा मँगवा सारा शहर री रे,
ढोलिया सांपडला ओढ़ाया रे हाँ,
इतरो करे ने रूपा हालिया रे,
आया रिखियों रे घर माई रे, हाँ,
इतरो करे ने रूपा हालिया रे,
आया रिखियों रे घर माई रे, हाँ,
सब रे संतो ने रामा राम जी रे,
म्हारां गुरुजी ने घणी खम्मा रे, हाँ,
म्हारां रै गुरुजी ने घणी खम्मा रे, हाँ,
हाथ जोड़ ने रूपा बाई बोलिया रे,
गुरु म्हारी मोचड़िया हेरोनी रे, हाँ,
गुरु म्हारी मोचड़िया हेरोनी रे, हाँ।
बत्तियाँ बुझाणी सारा शहर की रे, हाँ,
नुगरा सुता रावल माल जागे ओ जी,
साकड़ी सेरी में सामी आविया रे,
रानीसा कवेला किन गया था रै।
हाथ जोड़ ने रूपा बोलिया रै,
आपणे फूल बीणवा गई रे हाँ,
हाथ जोड़ ने रूपा बोलिया रै,
आपणे फूल बीणवा गई रे हाँ।
रावल मालदे जी बोलिया रे,
रानीसा फूल कठ्या सूं लाया रे हाँ,
पहली बाड़ी रे दर रे डूंगर रै,
दूजी बेकुंठा के माहीं रे, हाँ,
तीजी बाड़ी सारा शहर माई रै,
चौथी स्वर्गा रे माई रे हाँ,
पहलो मारो रे मोहबी डीकरों,
दूजो हंसा वालो घोड़ो रे,हाँ,
तीजो मारो रे गऊ रो बाछड़ो,
चौथो मारो चन्द्रावल राणी रै, हाँ।
इतरों करे ने वीरा आवज्यो रै,
पछ थाने पंथडलो बतावा रे हाँ,
हाथ जोड़ ने रूपा बोलिया रे,
म्हारा अमरापुर में वासो रे हाँ,
साधुड़ो रो अमरा पुर में वासो रे हाँ,
वायक आया ओ गुरुदेव रा रै,
रूपा बाई जमले पधारो रे हाँ,
जमले माई जावणो,
जागे रावळ माळ,
रूपा गुरु से अरज करे,
गुरु म्हारे सामी भाल,
वायक आया ओ गुरुदेव,
राये रूपा जमले पधारो रे हाँ,
रूपा बाई जमले पधारो, रे हाँ,
नगरों माळ जागे रे, हाँ।
रूपा बाई जमले पधारो रे हाँ,
जमले माई जावणो,
जागे रावळ माळ,
रूपा गुरु से अरज करे,
गुरु म्हारे सामी भाल,
वायक आया ओ गुरुदेव,
राये रूपा जमले पधारो रे हाँ,
रूपा बाई जमले पधारो, रे हाँ,
नगरों माळ जागे रे, हाँ।
केम करे ने गुरूजी आविया रे,
सुता रावल माल जागे रे हाँ,
अरे निंद्रारा मँगवा सारा शहर री रे,
ढोलिया सांपडला ओढ़ाया रे हाँ,
इतरो करे ने रूपा हालिया रे,
आया रिखियों रे घर माई रे, हाँ,
इतरो करे ने रूपा हालिया रे,
आया रिखियों रे घर माई रे, हाँ,
सब रे संतो ने रामा राम जी रे,
म्हारां गुरुजी ने घणी खम्मा रे, हाँ,
म्हारां रै गुरुजी ने घणी खम्मा रे, हाँ,
हाथ जोड़ ने रूपा बाई बोलिया रे,
गुरु म्हारी मोचड़िया हेरोनी रे, हाँ,
गुरु म्हारी मोचड़िया हेरोनी रे, हाँ।
बत्तियाँ बुझाणी सारा शहर की रे, हाँ,
नुगरा सुता रावल माल जागे ओ जी,
साकड़ी सेरी में सामी आविया रे,
रानीसा कवेला किन गया था रै।
हाथ जोड़ ने रूपा बोलिया रै,
आपणे फूल बीणवा गई रे हाँ,
हाथ जोड़ ने रूपा बोलिया रै,
आपणे फूल बीणवा गई रे हाँ।
रावल मालदे जी बोलिया रे,
रानीसा फूल कठ्या सूं लाया रे हाँ,
पहली बाड़ी रे दर रे डूंगर रै,
दूजी बेकुंठा के माहीं रे, हाँ,
तीजी बाड़ी सारा शहर माई रै,
चौथी स्वर्गा रे माई रे हाँ,
पहलो मारो रे मोहबी डीकरों,
दूजो हंसा वालो घोड़ो रे,हाँ,
तीजो मारो रे गऊ रो बाछड़ो,
चौथो मारो चन्द्रावल राणी रै, हाँ।
इतरों करे ने वीरा आवज्यो रै,
पछ थाने पंथडलो बतावा रे हाँ,
हाथ जोड़ ने रूपा बोलिया रे,
म्हारा अमरापुर में वासो रे हाँ,
साधुड़ो रो अमरा पुर में वासो रे हाँ,
वायक आया ओ गुरुदेव रा रै,
रूपा बाई जमले पधारो रे हाँ,
जमले माई जावणो,
जागे रावळ माळ,
रूपा गुरु से अरज करे,
गुरु म्हारे सामी भाल,
वायक आया ओ गुरुदेव,
राये रूपा जमले पधारो रे हाँ,
रूपा बाई जमले पधारो, रे हाँ,
नगरों माळ जागे रे, हाँ।
वायक आया ओ गुरुदेव रा रै : गुरुदेव जी का वाहक/संदेसा /बुलावा आया है। वायक से आशय न्योता से हैं।
रूपा बाई जमले पधारो रे हाँ : धारू मेघवाल रानी रूपादे जी से कहता है की गुरु साहेब का आपके लिए न्योता है आप जमले/आप जागरण में पधारों।
जमले माई जावणो : धारू मेघवाल रावलमली सिंह जी के घर पर जाकर रूपा बाई को जम की रात में आने का न्योता देता है की आप पधारो और हमारी शोभा बढ़ाओ। गुरुदेव जी हुकुम सिंह जी जमले में आए हैं।
केम करे ने गुरूजी आविया रे : लेकिन रानी सा कहती हैं की मैं कैसे आ सकती हूँ। वस्तुतः वे क्षत्रिय वंश से सबंधित है और रानियों का रात्रि में बाहर निकलना जघन्य अपराध जैसा ही होता था। इसी कारण से वे अपनी असमर्थता व्यक्त करती हैं।
सुता रावल माल जागे रे हाँ : सोये हुए रावल माल जी जग जाएंगे, ऐसा रूपा दे जी को भय है।
अरे निंद्ररा मँगवा सारा शहर री रे : अपने धर्म भाई नाग देवता से अर्ज करती हैं की जब तक मैं वापस नहीं लौटती हूँ तुमको मेरे स्थान पर रहना पड़ेगा। क्यों नहीं सारे शहर की नींद को मंगवाया जाए।
ढोलिया सांपडला ओढ़ाया रे हाँ : नाग देवता को रानी रूपादे जी कहती हैं की मेरी सेज/ढोला (सोने के स्थान पर ) आपको रहना पड़ेगा।
इतरो करे ने रूपा हालिया रे : इतना करके रूपा दे जी भजन के लिए चल पड़ती हैं।
आया रिखियों रे घर माई रे, हाँ : इसके उपरान्त रूपा दे जी रिखिया के घर पर आती हैं।
सब रे संतो ने रामा राम जी रे : रानी रूपादे जी सबको राम राम कहती हैं।
म्हारां गुरुजी ने घणी खम्मा रे, हाँ : अपने गुरुदेव जी को चरण स्पर्श व्यक्त करती हैं।
हाथ जोड़ ने रूपा बाई बोलिया रे, : हाथ जोड़ कर रूपादे जी बोलती हैं की।
गुरु म्हारी मोचड़िया हेरोनी रे, हाँ : सुबह होने पर / भजनों के उपरान्त जब रूपादे पुनः घर जाने लगती हैं तो रानी चंद्रावल जी एक नाइ के माध्यम से रूपादे जी की एक जूती गायब करवा। इस पर रूपादे जी अपने गुरु जी से विनय करती हैं की मेरी जूती (मोचड़ी) कहीं पर खो गई हैं, उसे ढूँढा जाए।
बत्तियाँ बुझाणी सारा शहर की रे, हाँ : सारे शहर की बत्ती/उजाला समाप्त कर दिया जाय जिससे की अँधेरा हो जाए।
नुगरा सुता रावल माल जागे ओ जी : दुष्ट रावल जाग जाते हैं (वे अत्यंत ही क्रोधित हो उठते हैं )
साकड़ी सीरी में सामी आविया रे : जब रावल जी को पता चलता है की रानी अपने स्थान पर नहीं है (चंद्रावल के भड़काने पर) रास्ते में सामने खड़े हो जाते हैं।
रानीसा आ बेला कित आता रै : इस पर राणा जी रानी रूपा दे जी से कहते हैं की इस समय में आप कहाँ से आ रहे हैं।
हाथ जोड़ ने रूपा बोलिया रै : इस पर रूपादे जी कहती हैं की मैं तो आपके लिए फूल बीनने/चुनने के लिए गई थी।
रावल मालदे जी बोलिया रे : राणा जी कहते हैं की।
(इसके उपरान्त रूपादे जी से जब रावल जी कहते हैं की तुम कहाँ से आ रही हो ? इस पर राणी सा अपने गुरुदेव जी को याद करते हैं और गुरु के चमत्कार के स्वरुप उनके हाथों में जो थाल था, उस पर विभिन्न प्रकार के फूल स्वतः ही आ जाते हैं। जब रावल जी इन फूलों को देखते हैं तो उनका अभिमान दूर हो जाता है और वे रानी जी से पूछते हैं की ये फूल तुम कहाँ से लाइ हो ?
रानीसा फूल कठ्या सूं लाया रे हाँ : ये फूल आप कहाँ से लाये हो।
पहली बाड़ी रे डर रे डूंगर रै : रूपादे जी कहती हैं की ये फूल पहली बाड़ी तो आपके दर के पर्वत से आये हैं।
दूजी बेकुंठा के माहीं रे, हाँ : दूसरी बाड़ी तो बैकुंठ के अंदर है।
तीजी बाड़ी सारा शहर माई रै : तीसरी बाड़ी सारे शहर के अंदर है।
चौथी स्वर्गा रे माई रे हाँ : चौथी बाड़ी स्वर्ग के अंदर स्थापित है।
(इस पर रावल जी उससे कहते हैं की तुम ये फूल कहाँ से लाइ हो, मुझे इनकी बाड़ी के विषय में बताओं, ये कहाँ पैदा होते हैं )
पहलो मारो रे मोबी डीकरों : पहले तो आप मोबी शिशु को मार डालो।
दूजो हंसा वालो घोड़ो रे,हाँ : दूसरा आपको आत्मा को मारना होगा।
तीजो मारो रे गऊ रो बाछड़ो : तीसरा गऊ माता के बछड़े को मारना होगा।
चौथो मारो चन्द्रावल राणी रै, हाँ : चौथा रानी चंद्रावल रानी को मारना होगा।
इतरों करे ने वीरा आवज्यो रै : हे वीर, यह करके आप आओ।
पछ थाने पंथडलो बतावा रे हाँ : तब मैं आपको राह बताउंगी।
रूपा बाई जमले पधारो रे हाँ : धारू मेघवाल रानी रूपादे जी से कहता है की गुरु साहेब का आपके लिए न्योता है आप जमले/आप जागरण में पधारों।
जमले माई जावणो : धारू मेघवाल रावलमली सिंह जी के घर पर जाकर रूपा बाई को जम की रात में आने का न्योता देता है की आप पधारो और हमारी शोभा बढ़ाओ। गुरुदेव जी हुकुम सिंह जी जमले में आए हैं।
केम करे ने गुरूजी आविया रे : लेकिन रानी सा कहती हैं की मैं कैसे आ सकती हूँ। वस्तुतः वे क्षत्रिय वंश से सबंधित है और रानियों का रात्रि में बाहर निकलना जघन्य अपराध जैसा ही होता था। इसी कारण से वे अपनी असमर्थता व्यक्त करती हैं।
सुता रावल माल जागे रे हाँ : सोये हुए रावल माल जी जग जाएंगे, ऐसा रूपा दे जी को भय है।
अरे निंद्ररा मँगवा सारा शहर री रे : अपने धर्म भाई नाग देवता से अर्ज करती हैं की जब तक मैं वापस नहीं लौटती हूँ तुमको मेरे स्थान पर रहना पड़ेगा। क्यों नहीं सारे शहर की नींद को मंगवाया जाए।
ढोलिया सांपडला ओढ़ाया रे हाँ : नाग देवता को रानी रूपादे जी कहती हैं की मेरी सेज/ढोला (सोने के स्थान पर ) आपको रहना पड़ेगा।
इतरो करे ने रूपा हालिया रे : इतना करके रूपा दे जी भजन के लिए चल पड़ती हैं।
आया रिखियों रे घर माई रे, हाँ : इसके उपरान्त रूपा दे जी रिखिया के घर पर आती हैं।
सब रे संतो ने रामा राम जी रे : रानी रूपादे जी सबको राम राम कहती हैं।
म्हारां गुरुजी ने घणी खम्मा रे, हाँ : अपने गुरुदेव जी को चरण स्पर्श व्यक्त करती हैं।
हाथ जोड़ ने रूपा बाई बोलिया रे, : हाथ जोड़ कर रूपादे जी बोलती हैं की।
गुरु म्हारी मोचड़िया हेरोनी रे, हाँ : सुबह होने पर / भजनों के उपरान्त जब रूपादे पुनः घर जाने लगती हैं तो रानी चंद्रावल जी एक नाइ के माध्यम से रूपादे जी की एक जूती गायब करवा। इस पर रूपादे जी अपने गुरु जी से विनय करती हैं की मेरी जूती (मोचड़ी) कहीं पर खो गई हैं, उसे ढूँढा जाए।
बत्तियाँ बुझाणी सारा शहर की रे, हाँ : सारे शहर की बत्ती/उजाला समाप्त कर दिया जाय जिससे की अँधेरा हो जाए।
नुगरा सुता रावल माल जागे ओ जी : दुष्ट रावल जाग जाते हैं (वे अत्यंत ही क्रोधित हो उठते हैं )
साकड़ी सीरी में सामी आविया रे : जब रावल जी को पता चलता है की रानी अपने स्थान पर नहीं है (चंद्रावल के भड़काने पर) रास्ते में सामने खड़े हो जाते हैं।
रानीसा आ बेला कित आता रै : इस पर राणा जी रानी रूपा दे जी से कहते हैं की इस समय में आप कहाँ से आ रहे हैं।
हाथ जोड़ ने रूपा बोलिया रै : इस पर रूपादे जी कहती हैं की मैं तो आपके लिए फूल बीनने/चुनने के लिए गई थी।
रावल मालदे जी बोलिया रे : राणा जी कहते हैं की।
(इसके उपरान्त रूपादे जी से जब रावल जी कहते हैं की तुम कहाँ से आ रही हो ? इस पर राणी सा अपने गुरुदेव जी को याद करते हैं और गुरु के चमत्कार के स्वरुप उनके हाथों में जो थाल था, उस पर विभिन्न प्रकार के फूल स्वतः ही आ जाते हैं। जब रावल जी इन फूलों को देखते हैं तो उनका अभिमान दूर हो जाता है और वे रानी जी से पूछते हैं की ये फूल तुम कहाँ से लाइ हो ?
रानीसा फूल कठ्या सूं लाया रे हाँ : ये फूल आप कहाँ से लाये हो।
पहली बाड़ी रे डर रे डूंगर रै : रूपादे जी कहती हैं की ये फूल पहली बाड़ी तो आपके दर के पर्वत से आये हैं।
दूजी बेकुंठा के माहीं रे, हाँ : दूसरी बाड़ी तो बैकुंठ के अंदर है।
तीजी बाड़ी सारा शहर माई रै : तीसरी बाड़ी सारे शहर के अंदर है।
चौथी स्वर्गा रे माई रे हाँ : चौथी बाड़ी स्वर्ग के अंदर स्थापित है।
(इस पर रावल जी उससे कहते हैं की तुम ये फूल कहाँ से लाइ हो, मुझे इनकी बाड़ी के विषय में बताओं, ये कहाँ पैदा होते हैं )
पहलो मारो रे मोबी डीकरों : पहले तो आप मोबी शिशु को मार डालो।
दूजो हंसा वालो घोड़ो रे,हाँ : दूसरा आपको आत्मा को मारना होगा।
तीजो मारो रे गऊ रो बाछड़ो : तीसरा गऊ माता के बछड़े को मारना होगा।
चौथो मारो चन्द्रावल राणी रै, हाँ : चौथा रानी चंद्रावल रानी को मारना होगा।
इतरों करे ने वीरा आवज्यो रै : हे वीर, यह करके आप आओ।
पछ थाने पंथडलो बतावा रे हाँ : तब मैं आपको राह बताउंगी।
कैसे एक प्राचीन कथा को फिर जिंदा किया छोटू सिंह रावणा ने ।। Chotu Singh Rawna
Rupa Bai Jamale Padhaaro Re Haan,
Jamale Mai Jaavano,
Jaage Raaval Maal,
Rupa Guru Se Araj Kare,
Guru Mhaare Saami Bhaal,
Vaayak Aaya O Gurudev,
Raaye Rupa Jamale Padhaaro Re Haan,
Rupa Bai Jamale Padhaaro, Re Haan,
Nagaron Maal Jaage Re, Haan.
Kem Kare Ne Guruji Aaviya Re,
Suta Raaval Maal Jaage Re Haan,
Are Nindraara Mangava Saara Shahar Ri Re,
Dholiya Saamphadala Odhaaya Re Haan,
Itaro Kare Ne Rupa Haaliya Re,
Aaya Rikhiyon Re Ghar Mai Re, Haan,
Itaro Kare Ne Rupa Haaliya Re,
Aaya Rikhiyon Re Ghar Mai Re, Haan,
Sab Re Santo Ne Raama Raam Ji Re,
Mhaaraan Guruji Ne Ghani Khamma Re, Haan,
Mhaaraan Rai Guruji Ne Ghani Khamma Re, Haan,
Haath Jod Ne Rupa Bai Boliya Re,
Guru Mhaari Mochadiya Heroni Re, Haan,
Guru Mhaari Mochadiya Heroni Re, Haan.
Battiyaan Bujhaani Saara Shahar Ki Re, Haan,
Nugara Suta Raaval Maal Jaage O Ji,
Saakadi Seri Mein Saami Aaviya Re,
Raanisa Kavela Kin Gaya Tha Rai.
Haath Jod Ne Rupa Boliya Rai,
Aapane Phul Binava Gai Re Haan,
Haath Jod Ne Rupa Boliya Rai,
Aapane Phul Binava Gai Re Haan.
Raaval Maalade Ji Boliya Re,
Raanisa Phul Kathya Sun Laaya Re Haan,
Pahali Baadi Re Dar Re Dungar Rai,
Duji Bekuntha Ke Maahin Re, Haan,
Tiji Baadi Saara Shahar Mai Rai,
Chauthi Svarga Re Mai Re Haan,
Pahalo Maaro Re Mohabi Dikaron,
Dujo Hansa Vaalo Ghodo Re,haan,
Tijo Maaro Re Gau Ro Baachhado,
Chautho Maaro Chandraaval Raani Rai, Haan.
Itaron Kare Ne Vira Aavajyo Rai,
Pachh Thaane Panthadalo Bataava Re Haan,
Haath Jod Ne Rupa Boliya Re,
Mhaara Amaraapur Mein Vaaso Re Haan,
Saadhudo Ro Amara Pur Mein Vaaso Re Haan,
Vaayak Aaya O Gurudev Ra Rai,
Rupa Bai Jamale Padhaaro Re Haan,
Jamale Mai Jaavano,
Jaage Raaval Maal,
Rupa Guru Se Araj Kare,
Guru Mhaare Saami Bhaal,
Vaayak Aaya O Gurudev,
Raaye Rupa Jamale Padhaaro Re Haan,
Rupa Bai Jamale Padhaaro, Re Haan,
Nagaron Maal Jaage Re, Haan.
Jamale Mai Jaavano,
Jaage Raaval Maal,
Rupa Guru Se Araj Kare,
Guru Mhaare Saami Bhaal,
Vaayak Aaya O Gurudev,
Raaye Rupa Jamale Padhaaro Re Haan,
Rupa Bai Jamale Padhaaro, Re Haan,
Nagaron Maal Jaage Re, Haan.
Kem Kare Ne Guruji Aaviya Re,
Suta Raaval Maal Jaage Re Haan,
Are Nindraara Mangava Saara Shahar Ri Re,
Dholiya Saamphadala Odhaaya Re Haan,
Itaro Kare Ne Rupa Haaliya Re,
Aaya Rikhiyon Re Ghar Mai Re, Haan,
Itaro Kare Ne Rupa Haaliya Re,
Aaya Rikhiyon Re Ghar Mai Re, Haan,
Sab Re Santo Ne Raama Raam Ji Re,
Mhaaraan Guruji Ne Ghani Khamma Re, Haan,
Mhaaraan Rai Guruji Ne Ghani Khamma Re, Haan,
Haath Jod Ne Rupa Bai Boliya Re,
Guru Mhaari Mochadiya Heroni Re, Haan,
Guru Mhaari Mochadiya Heroni Re, Haan.
Battiyaan Bujhaani Saara Shahar Ki Re, Haan,
Nugara Suta Raaval Maal Jaage O Ji,
Saakadi Seri Mein Saami Aaviya Re,
Raanisa Kavela Kin Gaya Tha Rai.
Haath Jod Ne Rupa Boliya Rai,
Aapane Phul Binava Gai Re Haan,
Haath Jod Ne Rupa Boliya Rai,
Aapane Phul Binava Gai Re Haan.
Raaval Maalade Ji Boliya Re,
Raanisa Phul Kathya Sun Laaya Re Haan,
Pahali Baadi Re Dar Re Dungar Rai,
Duji Bekuntha Ke Maahin Re, Haan,
Tiji Baadi Saara Shahar Mai Rai,
Chauthi Svarga Re Mai Re Haan,
Pahalo Maaro Re Mohabi Dikaron,
Dujo Hansa Vaalo Ghodo Re,haan,
Tijo Maaro Re Gau Ro Baachhado,
Chautho Maaro Chandraaval Raani Rai, Haan.
Itaron Kare Ne Vira Aavajyo Rai,
Pachh Thaane Panthadalo Bataava Re Haan,
Haath Jod Ne Rupa Boliya Re,
Mhaara Amaraapur Mein Vaaso Re Haan,
Saadhudo Ro Amara Pur Mein Vaaso Re Haan,
Vaayak Aaya O Gurudev Ra Rai,
Rupa Bai Jamale Padhaaro Re Haan,
Jamale Mai Jaavano,
Jaage Raaval Maal,
Rupa Guru Se Araj Kare,
Guru Mhaare Saami Bhaal,
Vaayak Aaya O Gurudev,
Raaye Rupa Jamale Padhaaro Re Haan,
Rupa Bai Jamale Padhaaro, Re Haan,
Nagaron Maal Jaage Re, Haan.