गुरु किरपा काटैं भव रोगा, अति दुर्लभ पाईये संजोगा, गुरु परमेश्वर एकैं होई, जानें विरला गुरुमुख कोई।
तुम शरणाई आया ठाकुर, तुम शरणाई आया, उतर गयों मेरे मन का संशया, जब तें दर्शन पायों ठाकुर, तुम शरणाई आया ठाकुर, तुम शरणाई आया, तुम शरणाई आया ठाकुर, तुम शरणाई आया।
अन बोलन मेरी विरथा जानी, अपना नाम जपाया ठाकुर, तुम शरणाई आया ठाकुर, तुम शरणाई आया, उतर गयों मेरे मन का संशया, जब तें दर्शन पायों ठाकुर, तुम शरणाई आया ठाकुर, तुम शरणाई आया।
दुख नासैं सुख सहज समाये, आनंद आनंद गुणं गाया ठाकुर, तुम शरणाई आया ठाकुर, तुम शरणाई आया, उतर गयों मेरे मन का संशया, जब तें दर्शन पायों ठाकुर,
Shabad Kirtan
तुम शरणाई आया ठाकुर, तुम शरणाई आया।
बाँह पकड़ कढ़ लीजैं अपने, प्रभु अंधकूप कें पाया ठाकुर, तुम शरणाई आया ठाकुर, तुम शरणाई आया, उतर गयों मेरे मन का संशया, जब तें दर्शन पायों ठाकुर, तुम शरणाई आया ठाकुर, तुम शरणाई आया।