वन्दे त्वां भूदेवीमार्य मातरं
वन्दे त्वां भूदेवीमार्य मातरं,
जयतु जयतु पदयुगलं ते निरन्तरं,
वन्दे त्वां भूदेवीमार्य मातरं,
जयतु जयतु पदयुगलं ते निरन्तरं।
शुभ्र शरच्चन्द्र युक्त,
चारुयामिनीं,
विकसित नव कुसुम,
मृदुल दामशोभिनीं,
मन्दस्मितयुक्त वदन,
मधुरभाशिणीं,
सुजलां सुफलां,
सरलां शिववरदां,
चिरसुखदां,
मुकुलरदामार्य मातरम।
दशकत्रयकोटिजन,
कण्ठनादिनीं अमितभुजां,
धृतसदसीं तनयतारिणीम।
पृतनाममित भुजाम्त,
नयतारिणीं अमितामित,
कोटि कण्ठ जयनिनादिनीं।
हिमनगजां स्वाभिमान,
बुद्धिदायिनीं,
कमलाममलामतुलां,
रिपु हरिणीं बलकरणीं,
धृतनलिनीमार्य मातरम।
वन्दे त्वां भूदेवीमार्य मातरं जयतु जयतु पदयुगलं ते निरन्तरं ॥संस्कृत गीत।। अनुषा संतोष केरल।।
इस भजन से सबंधित अन्य भजन निचे दिए गए हैं जो आपको अवश्य ही पसंद आयेगे, कृपया करके इन भजनों (Bhajan With Lyrics in Text) को भी देखें.
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं