यमुनाजी तो कारी कारी, राधा गोरी गोरी, वृन्दावन में धूम मचावे, बरसाने री छोरी, बृज धाम राधा जी की, राजधानी लागे, म्हाने खारो खारो, यमुना जी को पानी लागे, म्हाने खारो खारो, यमुना जी को पानी लागे, मीठे रस से भरयोड़ी, राधा रानी लागे, महारानी लागे, म्हाने खारो खारो, यमुना जी को पानी लागे।
कान्हा नित मुरली में टेरे, सुमरे बारम्बार, कोटिन रूप धरे मनमोहन, तऊ ना पावे पार, रूप रंग की छबीली, पटरानी लागे, म्हाने खारो खारो, यमुना जी को पानी लागे, मीठे रस से भरयोड़ी, राधा रानी लागे, महारानी लागे, म्हाने खारो खारो, यमुना जी को पानी लागे।
ना भावे मने माखन मिसरी, अब ना कोई मिठाई, म्हारी जीबड़ली ने भावे, अब तो राधा नाम मलाई, वृषभानु की लली तो, गुड़धानी लागे, म्हाने खारो खारो, यमुना जी को पानी लागे, मीठे रस से भरयोड़ी, राधा रानी लागे, महारानी लागे, म्हाने खारो खारो, यमुना जी को पानी लागे।
राधा राधा नाम रटत है,
जो नर आठों याम, तिनकी बाधा दूर करत है, राधा राधा नाम, राधा नाम में सफल, जिंदगानी लागे, म्हाने खारो खारो, यमुना जी को पानी लागे, मीठे रस से भरयोड़ी, राधा रानी लागे, महारानी लागे, म्हाने खारो खारो, यमुना जी को पानी लागे।