आयो फागण को त्यौहार, नाचे ठुमक ठुमक दातार, साचे नाचे श्याम को लीलो, भक्तां की भरमार, आयो रंगीलो फागणियो, सज के बैठ्यो है सांवरियो, म्हारो लख दातार।
यो फागण नेड़े आवे, म्हाने कुछ भी नहीं सुहावे आख्या में नींदड़ली घुल घुल बाबा, पाछी ही उड़ जावे, आयो रंगीलो फागणियो, सज के बैठ्यो है सांवरियो, म्हारो लख दातार।
इत्र की खुशबु भारी, खाटू का श्याम बिहारी, तेरो रूप सलौनो देख सांवरो, जाऊं मैं बलिहारी, आयो रंगीलो फागणियो, सज के बैठ्यो है सांवरियो, म्हारो लख दातार।
सेवक दूर दूर से आवे, फागण में रह नहीं पावे, पाछा जाता मुड़ मुड़ देख थाने, म्हारो मन घबरावे, आयो रंगीलो फागणियो, सज के बैठ्यो है सांवरियो, म्हारो लख दातार।
कोई रंग गुलाल उड़ावे, संग चंग धमाल मचावे, माही के संग होली खेल सांवरो, सांचो प्रेम लुटावे, आयो रंगीलो फागणियो, सज के बैठ्यो है सांवरियो, म्हारो लख दातार।
आयो फागण को त्यौहार, नाचे ठुमक ठुमक दातार, साचे नाचे श्याम को लीलो, भक्तां की भरमार, आयो रंगीलो फागणियो, सज के बैठ्यो है सांवरियो, म्हारो लख दातार।
आयो फागण को त्यौहार | Aayo Fagan Ka Tyohar | Shyam Baba Falgun Utsav 2023 | Deepali Yadav